नई दिल्ली. लोकसभा में गुरुवार को कृषि राज्य मंत्री परसोत्तमभाई रूपला ने शिवसेना को दिए एक लिखित बयान में कहा कि केंद्र के पास किसानों का कर्ज माफ करने की किसी भी तरह की योजना नहीं है. ये जवाब उस रिपोर्ट के बिल्कुल उल्टा है जिसमें कहा गया था कि नरेंद्र मोदी सरकार किसानों की कर्ज माफी करेगी. सरकार ने कहा कि वो किसी भी तरह की कर्ज माफी योजना पर विचार नहीं कर रही है. ऐसा न करने के पीछे कारण है कि इससे उधार देने की संस्कृति पर असर पड़ेगा, डिफॉल्टर्स को प्रोत्साहित करेगा, नैतिक खतरा पैदा करेगा और आगे की छूट के लिए मांगों को कायम रखेगा.
बता दें कि पहले आई रिपोर्ट में कहा गया था कि केंद्र लाखों किसानों की करोड़ों रुपए की कर्ज माफी करेगी, ताकि लोकसभा चुनाव से पहले लाखों किसानों को लुभाया जा सके. सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा था कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद सरकार किसानों के कर्ज माफ कर सकती है. सूत्रों के हवाले से ये भी कहा गया था कि केंद्र किसान कर्जमाफी के लिए फंड भी निर्धारित करने का विचार कर रहा है.
इन्हीं सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए केंद्रिय मंत्री ने लोकसभा में ऐसी किसी भी योजना के न होने का ऐलान कर दिया है. केंद्र किसी भी तरह से किसानों के कर्ज माफ नहीं करेगी. किसान कर्ज माफी की अटकलें इसलिए लगाई जा रही थी क्योंकि मई 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं. केंद्र के पास अन्य लोकप्रिय उपायों की घोषणा करने का समय नहीं है.
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