देश-प्रदेश

धान, दाल, बाजरा जैसी खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ से दो गुना बढ़ा, मोदी बोले- किसानों से एमएसपी बढ़ाने का वादा पूरा किया

नई दिल्लीः किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने का वादा करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव 2019 से पहले धान, दाल जैसी खरीफ फसलों की एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य को दो गुना तक बढ़ाकर किसानों को बड़ा चुनावी तोहफा दिया है. नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट के फैसले के बाद किसानों को बधाई देते हुए ट्वीट में कहा कि सरकार ने वादा किया था कि किसानों को फसल की लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने का वादा किया था.

मोदी सरकार ने धान का एमएसपी 1166 रुपए से बढ़ाकर 1750 प्रति क्विंटल रुपए कर दिया है जबकि ए ग्रेड की धान को 1770 रुपए प्रति कुंतल तक कर दिया गया है. बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य तो 990 रुपए प्रति क्विंटल से दोगुना के करीब बढ़ाकर 1950 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है. हाईब्रिड ज्वार की एमएसपी 1619 से बढ़ाकर 1730 रुपए कर दी गई है, जबकि मालदांडी ज्वार की नई एमएसपी 1750 रुपए होगी.

मक्का 1131 रुपए से बढ़ाकर 1700 रुपए, अरहर (तूर) 3432 रुपए प्रति कुंतल से बढ़कर 5675 रुपए प्रति कुंतल, मूंग 4650 से 6975 रुपए प्रति कुंतल और उड़द की एमएसपी 3438 से 5600 रुपए प्रति कुंतल कर दी गई है. इसी तरह मूंगफली छिलका सहित की एमएसपी 3260 से 4890 रुपए प्रति कुंतल यानी सीधे-सीधे डेढ़ गुना कर दी गई है. सूरजमुखी बीज की भी एमएसपी 3596 से 5388 रुपए प्रति कुंतल कर दी गई है.

तिल, रामतिल और कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्यों में भी डेढ़ गुना तक बढ़ोतरी कर दी गई है. दिलचस्प बात है कि किसी भी खरीफ फसल के एमएसपी में डेढ़ गुना से कम बढ़ोतरी नहीं है बल्कि बाजरा का समर्थन मूल्य तो करीब करीब दोगुना कर दिया गया है. अरहर के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 65 फीसदी और उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 63 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है.

कैबिनेट के फैसले के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘मुझे अत्यंत खुशी हो रही है कि किसान भाइयों-बहनों को सरकार ने लागत के 1.5 गुना MSP देने का जो वादा किया था, आज उसे पूरा किया गया है. फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में इस बार ऐतिहासिक वृद्धि की गई है. सभी किसान भाइयों-बहनों को बधाई.’ उनका दावा है कि इतनी एमएसपी बढ़ाना ऐतिहासिक है, यानी इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ.

बताते चलें कि ज्यादातर बीजेपी नेता यही दावा कर रहे हैं. मोदी के साथ-साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंह, सुरेश प्रभु और राधामोहन सिंह जैसे मंत्रियों ने तो इस बारे में ट्वीट किए ही हैं, बाकी ने रिट्वीट किए हैं तो मनोहर पर्रिकर और शिवराज सिंह चौहान जैसे मुख्यमंत्रियों ने भी बताया है कि किसानों के हित में यह कितना बड़ा कदम है. यहां तक कि किसान नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले राजनाथ सिंह ने खुद कैबिनेट ब्रीफिंग की.

जाहिर है विपक्ष के लिए सरकार के इस फैसले में कमी निकालना आसान नहीं होगा लेकिन फिर भी सोशल मीडिया पर ये कहना शुरू हो गया है कि इस फैसले से खाने पीने की चीजों में महंगाई बढ़ेगी, किचन का खर्च भी बढ़ सकता है. ये भी कहा जाने लगा है कि इसका फायदा किसानों को कम बिचौलियों को ज्यादा मिलेगा. बता दें कि सरकार के इस फैसले से केंद्र सरकार पर 33,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा.

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Aanchal Pandey

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