नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार ने रिव्यू के बाद पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस लेकर जेड प्लस श्रेणी के साथ केंद्रीय सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) का सुरक्षा कवर देने का निर्णय किया है. मनमोहन सिंह से सुरक्षा हटाने के बाद देश के सिर्फ 4 लोग यानी पीएम नरेंद्र मोदी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के पास ही एसपीजी सुरक्षा कवर बचा है. सरकार के इस फैसले को लेकर मनमोहन सिंह के करीबी बताते हैं कि वे केंद्र के फैसले के साथ है और व्यक्तिगत रूप से सुरक्षा को लेकर चिंतिति नहीं हैं.
पूर्व पीएम मनोहन सिंह की सुरक्षा को लेकर गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि सरकार ने यह निर्णय पूरी तरह प्रोफेशनल आधार पर किया गया. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि निर्धारित समय के बाद सुरक्षा व्यवस्था का रिव्यू किया जाता है जो सामान्य प्रक्रिया भी है. इसी प्रक्रिया के तहत सुरक्षा घटाने का फैसला किया जाता है. गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया कि यह फैसला सुरक्षा एजेंसियों की ओर से किए रिव्यू और खतरे की आशंका के आधार पर किया जाता है.
आपको बता दें कि साल 1984 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री की कड़ी सुरक्षा के लिए एसपीजी की स्थापना की गई. साल 1991 में तत्कालीन पीएम राजीव गांधी की हत्या के बाद एसपीजी एक्ट में संशोधन किया जिसमें उनके परिवार को अगले 10 सालों तक एसपीजी सुरक्षा देने का प्रावधान किया गया. साल 2003 में अटल बिहारी सरकार ने एक बार फिर एक्ट में संशोधन करते हुए 10 साल की सीमा को एक साल कर दिया. साथ ही यह भी प्रावधान किया गया कि खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार सुरक्षा की समय सीमा तय करेगी.
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