देश-प्रदेश

मोदी सरकार ला रही है नोटबंदी का बाप कानून, भागेगा माल्या तो डूबेंगे आप !

नई दिल्ली. संसद के इस सर्दी वाले सत्र में आपके पसीने छुड़ाने वाला एक विधेयक पास होने वाला है. इस विधेयक का नाम है फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल 2017 (FRDI Bill). अंदेशा ये है कि ये बिल पास होने का बाद अगर कोई ‘माल्या’ बैंकों का पैसा लेकर भागेगा तो बैंकों में जमा आपकी पूंजी भी फंस जाएगी.

वित्त पुनर्संरचना निगम के लिए बिल

इस बिल के ज़रिए केंद्र सरकार वित्त पुनर्संरचना निगम (फाइनेंशियल रिकंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन) का गठन करना चाहती है. ये निगम बैंकों, बीमा कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और गैर बैंकिंग वित्त संस्थानों की निगरानी करेगा. वित्त पुनर्संरचना निगम इस बात का आंकलन करेगा कि कोई बैंक या वित्तीय संस्थान डूबने की कगार पर तो नहीं है? उसके विलय की अनिवार्यता तो नहीं है?

आम जनता की जमा-पूंजी पर खतरा !

ऑल इंडिया रिज़र्व बैंक इम्प्लाइज़ एसोसिएशन को इस बिल में खतरे की बू आ रही है. एसोसिएशन के महासचिव समीर घोष का कहना है कि वित्त पुनर्संरचना निगम को ये अधिकार मिल जाएगा कि वो किसी बैंक या वित्तीय संस्थान को ही दिवालिया घोषित कर दे. इसमें ये जोखिम है कि निगम उस बैंक या वित्तीय संस्थान में जमा जनता के पैसे का कुछ हिस्सा भी ज़ब्त कर सकता है.

अभी क्या है व्यवस्था?

वर्तमान में जो नियम-कानून हैं, उसके मुताबिक अगर कोई बैंक या वित्तीय संस्थान दिवालिया भी हो जाए तो जनता को एक लाख रुपये तक का बीमा कवर हासिल है. 1960 से ही इसके लिए रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के अधीन ‘डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन’ काम कर रहा है. एफआरडीआई बिल 2017 पास होने के बाद ये अधिकार वित्त पुनर्संचरना निगम को मिल जाएगा. बैंक या वित्तीय संस्थान के दिवालिए होने की सूरत में निगम ही ये फैसला करेगा कि जमाकर्ता को मुआवज़ा दिया जाए तो कितना?

बैंक डूबा तो आपकी पूंजी भी डूबेगी!

एफआरडीआई बिल 2017 (FRDI Bill) में सबसे डरावनी धारा 52वें नंबर की है. इसके तहत अगर वित्त पुनर्संरचना निगम को लगा कि कोई वित्तीय संस्थान डूब रहा है तो उसे’बेल-इन’ या स्कीम का फायदा दिया जा सकता है. बेल-इन या स्कीम में ये प्रावधान भी रहेगा कि उस बैंक या वित्तीय संस्थान की सभी देनदारियां (लायबिलिटीज़) को रद्द कर दिया जाए. अगर रद्द ना किया जाए तो देनदारियां बदल दी जाएं. 

इसका मतलब ये है कि बैंक या वित्तीय संस्थान अगर बदहाल है तो वो आपकी जमा-पूंजी का भुगतान करने का समय अपने हिसाब से बदल सकता है. वो आपकी जमा-पूंजी की रसीद के बदले में कोई दूसरा दस्तावेज़ दे सकता है. मसलन आपने फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा जमा कर रखा है तो हो सकता है कि बैंक के बदहाल होने पर आपको बॉन्ड मिल जाए. उसे लेकर बैंक की आर्थिक सेहत सुधरने का इंतज़ार करते रहिए.

किस मोड़ पर है नया बिल ?

एफआरडीआई बिल 2017 (FRDI Bill) को सरकार ने 10 अगस्त लोकसभा में पेश कर दिया था, जिसे उसी दिन संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के हवाले कर दिया गया. संसद के शीतकालीन सत्र में पहले हफ्ते के अंतिम जेपीसी की रिपोर्ट पेश होगी. उसके बाद इस बिल पर चर्चा होगी. चर्चा के बाद इस बिल पर संसद से मंजूरी दिलाई जाएगी और संसद की मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति इस बिल को कानून के रूप में अधिसूचित कर देंगे.

डिफॉल्टर विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर लंदन की अदालत में सोमवार से सुनवाई

मनी लॉन्ड्रिंग मामला: लंदन में विजय माल्या गिरफ्तार, कुछ ही देर बाद मिली जमानत

 

Aanchal Pandey

Recent Posts

यूपी की 9 सीटों का Exit Poll: योगी ने गाड़ा झंडा इसलिए अखिलेश को आ रहा गुस्सा!

यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनाव में भाजपा को बढ़त दिख रही…

3 minutes ago

पोल ऑफ पोल्स: झारखंड में 5 साल बाद फिर खिलेगा कमल, बेकार जाएगी हेमंत की सारी मेहनत!

झारखंड में मतदान के बाद न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल्स आ गए हैं. इन पोल्स…

14 minutes ago

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी पर सबकी टिकी नजरें, किस तेज गेंदबाज पर भरोसा, सर्वे पर लोगों ने ये क्या बोल दिया

क्रिकेट जगत में इन दिनों सबसे चर्चित विषय बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (BGT) है। 5 मैचों…

30 minutes ago

पोल ऑफ पोल्स: महाराष्ट्र में फिर से महायुति सरकार! चारों खाने चित हुआ MVA गठबंधन

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की वोटिंग खत्म होने के बाद न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल…

37 minutes ago

यूपी में By-Election का खुला राज, बुर्का पहनकर हुआ फर्जी मतदान, अब बजेगा बाबा का डंका!

करहट सीट से वोटिंग के दौरान एक दलित लड़की की हत्या की खबर सामने आई।…

54 minutes ago

आ गया एग्जिट पोल! महाराष्ट्र में इस गठबंधन को स्पष्ट बहुमत, इन पार्टियों को लगेगा बड़ा झटका

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव-2024 को लेकर न्यूज चैनल्स के एक्जिट पोल्स आ गए हैं. इस दौरान…

1 hour ago