देश में लगातार बढ़ रही मॉब लिंचिग की घटनाओं पर अब केंद्र की मोदी सरकार सख्त हो गई है. केंद्र सरकार ने मॉब लिंचिंग की बढ़ती हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए एक उच्च स्तरी कमिटी का गठन किया है. द एक्शन में आई नरेंद्र मोदी सरकार ने गृह सचिव राजीव गाबा की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमिटी बना दी है जो गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले मंत्रीसमूह को अपनी रिपोर्ट देगी और मंत्रीसमूह अपनी सिफारिशें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देगा. पीएम मोदी ने इस कमिटी और मंत्रीसमूह से 4 हफ्तों में नए कानून पर सिफारिश मांगी है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट से मॉब लिंचिंग यानी भीड़ हिंसा पर संसद के जरिए कड़ा कानून बनाने के आदेश के बाद एक्शन में आई नरेंद्र मोदी सरकार ने गृह सचिव राजीव गाबा की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमिटी बना दी है. पीएम नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय कमिटी और मंत्रीसमूह से नए कानून पर 4 हफ्ते में सिफारिश मांगी है. मंत्रीसमूह विचार करके पीएम को नए कानून पर सिफारिश देगा
ये कमिटी गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले मंत्रीसमूह को अपनी रिपोर्ट देगी और मंत्रीसमूह अपनी सिफारिशें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देगा. मंत्रीसमूह में राजनाथ सिंह के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अलावा जल संसाधन मंत्री और सामाजिक न्याय मंत्री भी शामिल होंगे.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई को मॉब लिंचिंग की वारदातों पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार को कानून बनाने का आदेश दिया था जबकि एक गाइडलाइंस जारी करते हुए राज्य सरकारों को 4 हफ्ते में इस पर अमल करने का आदेश दिया था.
मोदी सरकार ने गृह सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में जो हाई लेवल कमिटी बनाई है वो मॉब लिंचिंग को रोकने और कड़े कानून को लेकर अपनी रिपोर्ट गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले मंत्रीसमूह को देगी. मंत्रीसमूह कमिटी की रिपोर्ट पर चर्चा करके अपनी सिफारिश प्रधानमंत्री को देगा. माना जा रहा है कि इस कवायद के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक मॉब लिंचिंग को रोकने और भीड़ हिंसा में कड़ी सजा के प्रावधान वाले कानून को लाने पर फैसला लेंगे.
अपने बच्चे से मिल रहे पिता को भीड़ ने समझ लिया बच्चा चोर और जमकर कर दी पिटाई
सुप्रीम कोर्ट के मॉब लिंचिंग पर फैसले के बाद भी भीड़ की हिंसा जारी है. जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया था उसी दिन झारखंड के पाकुड़ में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने स्वामी अग्निवेश को बुरी तरह पीट दिया. अभी दो दिन पहले राजस्थान के अलवर में गो तस्करी के शक में एक मुसलमान अकबर खान को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला.
मध्य प्रदेश के सिंगरौली में बच्ची चोरी के शक में एक महिला को भीड़ ने मार डाला. बेंगलुरू में एक आदमी को लोगों ने अपनी ही बेटी से मिलने के दौरान बच्चा चोर समझकर पीट दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के एक दिन पहले कर्नाटक के बीदर में लोगों ने 5 लोगों को पीट दिया जिसमें एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मौत हो गई.
Centre to set up a high level committee headed by Union Home Secretary, Govt has also decided to constitute a Group of Ministers headed by Home Minister to consider recommendation of the high level committee. They will submit their recommendation to the PM. #MobLynching pic.twitter.com/R63K59vntt
— ANI (@ANI) July 23, 2018
कर्नाटकः व्हाट्सएप पर फैली बच्चा चोरी की अफवाह, भीड़ ने गूगल इंजीनियर को पीट-पीटकर मार डाला
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को अफवाहों की रोकथाम करने कहा है जिसके बाद व्हाट्सएप्प ने अपने मैसेज सर्विस में हर मैसेज के ऊपर फॉरवार्डेड लिखना शुरू कर दिया है जो किसी ने खुद से लिखने के बदले कहीं से आई हुई चीज किसी और को बढ़ा दी हो. लोकसभा में शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने मॉब लिंचिंग का सवाल उठाया.
मोदी सरकार के मंत्री जयंत सिन्हा झारखंड के मॉब लिंचिंग के आरोपियों के जेल से छूटने पर माला पहनाकर स्वागत करने के बाद से ही चर्चा में हैं और विपक्ष कह रहा है कि भीड़ हिंसा की वारदातों को सरकार के नेता बढ़ावा दे रहे हैं.
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