नई दिल्ली: भारतीय सेना को पहला सुसाइड ड्रोन मिल गया है. नागस्त्र-1 नाम का यह आत्मघाती ड्रोन भारत में ही बना है. शुक्रवार को इंडियन आर्मी को इस आत्मघाती ड्रोन की पहली खेप मिल गई. बता दें कि इन ड्रोन्स को नागपुर की कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज की इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव लिमिटेड यूनिट ने तैयार किया है. […]
नई दिल्ली: भारतीय सेना को पहला सुसाइड ड्रोन मिल गया है. नागस्त्र-1 नाम का यह आत्मघाती ड्रोन भारत में ही बना है. शुक्रवार को इंडियन आर्मी को इस आत्मघाती ड्रोन की पहली खेप मिल गई. बता दें कि इन ड्रोन्स को नागपुर की कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज की इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव लिमिटेड यूनिट ने तैयार किया है. भारतीय सेना ने इस कंपनी को 480 लॉइटरिंग म्यूनिशन (आत्मघाती ड्रोन) का ऑर्डर दिया था, जिसकी पहली 120 ड्रोन्स की डिलीवरी शुक्रवार को कर दी गई है.
नागस्त्र-1 सुसाइड ड्रोन के खासियत की बात करें तो इसकी रेंज 30 किलोमीटर तक है. ड्रोन का एडवांस वर्जन दो किलोग्राम से ज्यादा गोला-बारूद ले जाने में सक्षम है. इस आत्मघाती ड्रोन का इस्तेमाल भारतीय सेना दुश्मनों के ट्रेनिंग कैंप, ठिकानों और लॉन्च पैड पर हमला करने के लिए करेगी, जिससे सैनिकों का जोखिम कम से कम हो.
बता दें कि नागस्त्र-1 सुसाइड ड्रोन को चीन और पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया जाएगा. भारत के इस स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन की खासियत जानकर चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ गई है. गौरतलब है है कि नागस्त्र-1 ड्रोन हवा में टारगेट के आसपास घूमते रहते हैं, इस बीच वे अचानक आत्मघाती हमला कर देते हैं. इस आत्मघाती ड्रोन को 1,200 मीटर की ऊंचाई पर साइलेंट मोड में ऑपरेट किया जाता है, जिसकी वजह से इसे पहचानना काफी मुश्किल हो जाता है. अगर टारगेट न मिला तो यह ड्रोस वापस भी आ जाएगा. इसके अलावा पैराशूट के जरिए इसकी सॉफ्ट लैंडिंग भी कराई जा सकती है.