नई दिल्ली। सोमवार (6 नवंबर) को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के स्कूल में एक बच्चे को दूसरे बच्चों से थप्पड़ मारने के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने यूपी सरकार से कहा कि वह बच्चे के पैरेंट्स की पंसद के स्कूल में उसका एडमिशन करवाए। इस मामले में अगली सुनवाई अब शुक्रवार […]
नई दिल्ली। सोमवार (6 नवंबर) को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के स्कूल में एक बच्चे को दूसरे बच्चों से थप्पड़ मारने के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने यूपी सरकार से कहा कि वह बच्चे के पैरेंट्स की पंसद के स्कूल में उसका एडमिशन करवाए। इस मामले में अगली सुनवाई अब शुक्रवार को होगी।
बता दें कि मुजफ्फनगर में एक मुस्लिम छात्र को कुछ छात्राओं से थप्पड़ मरवाने का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसको लेकर काफी बवाल मचा था।
सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर कर थप्पड़ कांड की सही तरीके से जांच की मांग की गई थी। शहर के एक प्राइवेट स्कूल में एक महिला टीचर का वीडियो आया था, जिसमें उसे छात्रों द्वारा एक मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने के लिए कहते हुए देखा जा सकता है। यह घटना अगस्त के महीने में सामने आई थी। बता दें कि इस वीडियो के बाद काफी बवाल मचा था। हालांकि, आरोपी टीचर का कहना था कि उसका ऐसा कोई भी इरादा नहीं था। उन्होंने कहा कि इस मामले को हिंदू-मुस्लिम एंगल से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा गया कि क्या बच्चे को किसी स्कूल में पढ़ने के लिए एडमिशन करवाया गया है? इसके जवाब में यूपी सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि बच्चे के पिता ने सीबीएसई स्कूल में दाखिला करवाने की मांग की है। हमने इसके लिए एक समिति का गठन किया है। यह मामला सीबीएसी बोर्ड में दाखिले का है। राज्य बोर्ड के स्कूल में एडमिशन तुरंत हो सकता है, लेकिन परिवार निजी CBSE स्कूल में दाखिला चाहता है।