नई दिल्ली: यूपी में बुलडोजर बाबा का नाम तो आपने सुना ही होगा. जी हां, हम बात कर रहे हैं यूपी में अपराध कम करने वाले योगी आदित्यनाथ की। यूपी में गुंडे-मवाली उनके नाम से कांपते हैं, क्योंकि यूपी में अगर कोई अपराध करता है तो बाबा बुलडोजर चलवा देते हैं। वहीं, देश के तीन […]
नई दिल्ली: यूपी में बुलडोजर बाबा का नाम तो आपने सुना ही होगा. जी हां, हम बात कर रहे हैं यूपी में अपराध कम करने वाले योगी आदित्यनाथ की। यूपी में गुंडे-मवाली उनके नाम से कांपते हैं, क्योंकि यूपी में अगर कोई अपराध करता है तो बाबा बुलडोजर चलवा देते हैं। वहीं, देश के तीन राज्यों में आरोपियों के घरों पर बुलडोजर से कार्रवाई का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर आरोपियों के घरों पर चलाए गए बुलडोजर पर रोक लगाने की मांग की है.
बता दें कि जमीयत का कहना है कि मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है. जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच 2 सितंबर को इस मामले की सुनवाई करेगी. हाल ही में यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान में आरोपियों के घरों पर राज्य सरकारों द्वारा बुलडोजर कार्रवाई की घटनाएं सामने आई हैं. इन्हीं घटनाओं का हवाला देते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाया है.हालांकि आवेदन में कहा गया है कि बुलडोजर कार्रवाई कर अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है.
हाल ही में यूपी में 12 साल की नाबालिग लड़की से रेप के आरोपी मोईद खान और नौकर राजू खान के खिलाफ कार्रवाई की गई. आपको बता दें कि मोईद खान जो कि सपा पार्टी के नगर अध्यक्ष भी हैं. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया.
मध्य प्रदेश में मोहन यादव की सरकार ने रेप और अन्य अपराधों वाली जगहों पर बुलडोजर कार्रवाई की थी. वहीं छिंदवाड़ा जिले में रेप के आरोपी मोहम्मद नफीस का घर इसलिए तोड़ दिया गया, क्योंकि उसका घर सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बना था. छतरपुर में भीड़ को थाने पर पथराव के लिए उकसाने वाले आरोपी हाजी शहजाद का घर भी तोड़ दिया गया.
इस मामले को लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि पथराव होने तक सभी शांत थे, जैसे कि यह दंगाइयों का संवैधानिक अधिकार हो, लेकिन जैसे ही पुलिस ने कार्रवाई की, तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले नेताओं ने मुसलमानों पर अत्याचार का ढोल पीटना शुरू कर दिया?