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काशी में मुस्लिम महिलाओं ने प्रभु श्रीराम की उतारी आरती… रामनवमी पर दिया एकता और प्रेम का संदेश, Video

इस समय वक्फ बोर्ड को लेकर पूरे देश में कट्टरपंथी मौलानाओं ने नफरत की आग जला रखी है. तो वहीं दूसरी ओर काशी में आज रामनवमी के मौके पर मुस्लिम महिलाओं ने श्रीराम की महाआरती कर नफरत की आग पर प्रेम का पानी डालकर बुझाने का संदेश भी दिया.

Muslim women perform Ram aarti
inkhbar News
  • April 6, 2025 5:11 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 days ago

Muslim Women Perform Ram Aarti: इस समय वक्फ बोर्ड को लेकर पूरे देश में कट्टरपंथी मौलानाओं ने नफरत की आग जला रखी है. तो वहीं दूसरी ओर काशी में आज रामनवमी के मौके पर मुस्लिम महिलाओं ने श्रीराम की महाआरती कर नफरत की आग पर प्रेम का पानी डालकर बुझाने का संदेश भी दिया. महिलाओं ने न केवल प्रभु श्रीराम की आरती उतारी बल्कि साम्प्रदायिक प्रेम का संदेश भी दिया है. इस अवसर पर मुस्लिम महिलाओं ने फूलों से सजी थाल लेकर उर्दू में लिखी गई राम आरती भी गाई है. भक्तों के भजन, सोहर और प्रभू सियाराम के जयकारों से मंदिर गूंज चुका था.

मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में श्रीराम जी की महाआरती का आयोजन लमही के सुभाष भवन में किया गया. वहीं दूसरी ओर सजावटी थाल, खूबसूरत रंगोली, उर्दू में लिखी श्रीराम की आरती मुस्लिम महिलाओं की श्रद्धा के कारण व्यक्त कर रखी थी. साथ ही मुस्लिम महिलाओं को खुशी है क्योंकि उनका भी वक्फ संशोधन बिल पास हो गया. जिसमें उन्हें भी अधिकार मिला है.

प्रभू राम हमारे सबके हैं

केंद्र सरकार को बड़ी राहत भी मिली जब मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि वक्फ कानून रामजी की कृपा से पास हुआ है. पूरे देश में वक्फ कानून को लेकर नफरत भड़काकर हिन्दू-मुसलमानों के बीच समाज को बांटा जा रहा था लेकिन अब वक्फ बोर्ड के कारण ऐसा कुछ नहीं होने वाला है. मौलानाओं के बयान देश को तोड़ने की दिशा में आ रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर मुस्लिम महिलाओं द्वारा प्रेम, एकता और साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया जा रहा है.

जब-जब हम राम जी की आरती करते हैं. तब-तब हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति भी मिलती है. हमारे पूर्वज राम भक्त थे. हम भी हैं. आज वक्फ बोर्ड के कारण से हम सभी खुश हैं.

जन्मदिन मनाना हजारों वर्षों की परंपरा

संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि श्रीराम का जन्मदिन मनाना हजारों वर्षों की परंपरा है. हर भारतीय इसको मनाता रहा है. मुस्लिम महिलाओं ने इस परंपरा को जीवंत रखा. इससे एकता, प्रेम और सद्भावना का संदेश पूरी दुनिया में जाता है. आज के समय की जरूरत है. राम के नाम से नफरत को खत्म किया जा सकता है. वाईसवाइस चेयरमैन अफरोज पांडेय मोनी ने कहा कि प्रेम का संदेश देने और अपनी संस्कृति को मानने में कैसा संकोच. यह देश हमारा है. यहीं के हमारे पूर्वज हैं तो राम जी भी हमारे हैं. उनकी आरती कर गर्व का अनुभव हो रहा है.

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