Muslim Women Haj Rules: इस साल हज पर जाने वाली महिलाओं को राहत दी गई है. भारत और सऊदी अरब के बीच हुई बातचीत के बाद फैसला लिया गया कि भारतीय मुस्लिम महिलाएं बिना पुरुष के भी हज पर जा सकेंगी. इस फैसले से मुस्लिम महिलाएं बेहद खुश हैं. इस साल उत्तर प्रदेश से 100 से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं ने अकेले जाने के लिए आवेदन किया है.
उत्तर प्रदेश. इस्लाम के पांच मूल सिद्धांत हैं जिनमें से एक है हज. माना जाता है कि जब कोई मुस्लिम व्यक्ति अपने परिवार के कर्तव्यों को पूरा कर लेता है तो उसके लिए हज पर जाना सुन्नत माना जाता है. लेकिन ये मुस्लिम महिलाओं के लिए बहुत मुश्किल था. मुस्लिम महिलाओं के हज पर जाने का नियम था कि उन्हें हर समय अपने परिवार के एक पुरुष (मेहरम) के साथ रहना पड़ता था. मेहरम वो पुरुष जिससे महिलाएं पर्दा ना करती हों. लेकिन हज के लिए इस साल से नियमों में बदलाव किए गए हैं. भारत और सऊदी अरब ने साथ में चर्चा करके फैसला लिया कि भारतीय मुस्लिम महिलाएं बिना पुरुष के साथ भी हज पर जा सकती हैं.
इस फैसले के बाद मुस्लिम महिलाएं बेहद खुश हैं. इसके बाद इस साल उत्तर प्रदेश से अकेले हज पर जाने वाली 100 से ज्यादा महिलाओं ने आवेदन किया है. इनमें से सबसे ज्यादा संख्या आगरा मंडल की है. दावा किया जा रहा है कि पिछले साल की तुलना में इस साल हज के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं की संख्या पांच गुना तक बढ़ सकती है. इस बारे में यूपी हज कमेटी के पूर्व सदस्य एसयू कुरैशी ने बताया कि पिछले साल हज के नियम बदले जाने के बाद कानूनी मेहरम के बिना जाने वाली 45 वर्ष से ज्यादा उम्र की 20 महिलाओं को राष्ट्रीय हज समिति ने 4-4 महिलाओं के समूहों में हज पर भेजा था.
भारतीय मुस्लिम विकास परिषद के अध्यक्ष सामी अघई ने कहा कि मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं की हितैषी बनने की कोशिश कर रही है. मोदी सरकार इस बात का श्रेय लेना चाहती है कि हज में बिना मेहरम भेजने का निर्णय उनका है. उन्होंने बताया कि शरिया कानून के अनुसार एक महिला के लिए हज तब तक पूर्ण नहीं कहा जा सकता जब तक कि वह मेहरम के साथ न हो. इसीलिए सरकार महिलाओं को चार के समूह में भेज रही है.
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