यह मुस्लिम धर्मगुुरु को स्वदेश वापस लाने की कोशिशों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. इस साल मई में जब पीएम नरेंद्र मोदी मलेशिया के दौरे पर गए थे तो जाकिर नाइक की मुश्किलें बढ़ गई थीं. उस वक्त मलेशिया के पीएम ने भी जाकिर को भारत भेजने की बात कही थी, लेकिन अब उन्होंने यू-टर्न ले लिया.
नई दिल्ली. मनी लॉन्ड्रिंग और अशांति फैलाने के आरोपी मुस्लिम उपदेशक जाकिर नाइक को मलेशिया से भारत नहीं भेजा जाएगा. मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर बिन मोहम्मद यह बयान दिया है. उन्होंने साफ कहा कि जाकिर नाइक को हिंदुस्तान नहीं भेजा जाएगा. यह मुस्लिम उपदेशक को भारत वापस लाने की कोशिशों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. जाकिर नाइक काफी वक्त से मलेशिया में रह रहा है. मलेशिया के पीएम का कहना है कि जाकिर कोई परेशानी खड़ी नहीं कर रहे हैं और वह उन्हें भारत को नहीं सौंपेंगे क्योंकि उन्हें उन्हें मलयेशिया की नागरिकता हासिल है.
बता दें कि आतंकवाद का खात्मा करने के लिए मलेशिया और भारत आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए साथ आए हैं, इसके बावजूद जाकिर नाइक मलेशिया में शरण पाने में कामयाब हो गया. 31 मई को जब पीएम नरेंद्र मोदी मलेशिया गए थे तो नाइक की मुश्किलें बढ़ गई थीं. उस वक्त मलेशिया पीएम ने भी कहा था कि वह नाइक को भारत वापस भेजेंगे, लेकिन अब उन्होंने यू-टर्न ले लिया है. इससे पहले जाकिर नाइक भी भारत लौटने से इनकार करता रहा है.
गौरतलब है कि साल 1990 से जाकिर नाइक टीवी पर उपदेश देता था. उसने अपने करियर की शुरुआत बतौर डॉक्टर की थी. लेकिन विवादास्पद भाषणों के कारण कुछ पश्चिमी देशों, कनाडा, ब्रिटेश के अलावा बांग्लादेश ने भी उसकी एंट्री पर रोक लगा दी थी. हाल के वर्षों में बांग्लादेश में हुए आतंकी हमलों के लिए जाकिर नाइक को जिम्मेदार माना जाता है. साल 2016 में ढाका में आतंकी हमला हुआ था.
मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के मामले को लेकर एनआईए 51 वर्षीय जाकिर नाइक की जांच कर रही है. जुलाई 2016 में बांग्लादेश में आतंकियों ने कहा था कि वे जाकिर नाइक के भाषणों से प्रेरित हो रहे हैं, उसके बाद नाइक ने भारत छोड़ दिया था.
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