देहरादून के बाद बिहार के गोपालगंज में एक मुस्लिम युवक ने इंसानियत की मिसाल पेश की है. दरअसल मुस्लिम युवक ने अपना रोजा (व्रत) तोड़ कर एक 8 साल के हिन्दू बच्चे की जान बचाई है.
पटना. देहरादून के आरिफ के बाद बिहार के गोपालगंज के जावेद ने इंसानियत की मिसाल पेश की है. जावेद आलम ने एक आठ साल के हिन्दू बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए अपना रमजान तोड़ दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जावेद थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे को खून देने पहुंचे थे. उस समय जावेद ने रोजा रखा हुआ था. जिसके कारण डॉक्टरों ने खून लेने से इंकार कर दिया. डॉक्टरों ने कहा कि भूखा रहने के कारण आपका खून नहीं लिया जा सकता है. डॉक्टरों की बात सुनकर जावेद ने फलाहार करके रोजा तोड़ दिया और बच्चे को खून देकर उसकी जान बचाई.
गोपालगंज के रहने वाले भूपेंद्र कुमार ने मीडिया को बताया कि उनके आठ साल के बेटे पुनीत को थैलेसीमिया के कारण गोपालगंज सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. भूपेंद्र के अनुसार उनके बेटे के खून में हीमोग्लोबिन बहुत कम हो गया था. उनके बेटे का खून ए पॉजिटिव ब्लड ग्रुप का था जोकि अस्पताल के ब्लड बैंक में मौजूद नहीं था. इसी बीच अस्पताल के एक कर्मचारी ने भूपेंद्र को ब्लड डोनेट करने वाली संस्था से संपर्क करने को बोला. भूपेंद्र ने जब संपर्क किया तो जावेद से उनका संपर्क हुआ.
बातचीत में पता चला कि जावेद का ब्लड ग्रुप भी ए पॉजिटिव है. जिसके बाद जावेद अस्पताल पहुच गये. डॉक्टरों की पूछताछ में जावेद ने बताया कि उनका रोजा है तो डॉक्टरों ने उनका ब्लड लेने से मना कर दिया. जिसके बाद जावेद ने अपना रोजा तोड़ दिया और बच्चे को ब्लड डोनेट किया. इससे पहले देहरादून के आरिफ ने एक हिन्दू युवक अजय की कुछ इसी प्रकार से जान बचाई थी. उस समय अजय भी जिंदगी और मौत से झूल रहा था.
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