Mumbai Water Crisis:मानसून में बारिश की कमी के कारण मुंबई में पानी की समस्या खड़ी होने वाली है. बीएमसी के मुताबिक मुंबई के जलाशयों में जो पानी रह गया है उसे सिर्फ 20 दिन तक ही इस्तेमान किया जा सकता है. बारिश की मात्रा में कमी होन के कारण बीएमसी ने महाराष्ट्र सरकार से पहले से स्टॉक कर रखे गए पानी को इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी है. मुंबई की सभी झीलों में पानी खत्म होने की कगार पर पहुंच चुका है उनमें सिर्फ 4.95% पानी ही बचा है.
मुंबई: मानसून इस बार मुंबई में देर से पहुंचा है, लेकिन अभी तक मुंबई में पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं हुई है. मानसून का महीने बेहद ही कमजोर साबित हो रहा है. कम बारिश की मार मुंबई के साथ-साथ पूरे देश को झेलनी पड़ रही है. कम बारिश के कारण मुंबई में पानी की समस्या खड़ी होती दिख रही है. मुंबई को पानी पहुंचाने वाले जलाशयों में अब सिर्फ 20 दिन का पानी ही रह गया है. पानी की कमी को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने हर रोज भतसा और अपर वैतरणा डैम से हर रोज 2.54 मिलियन पानी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के लोगों से पानी का इस्तेमाल ध्यानपूर्वक करने की बात कही है.
बारिश की कमी के कारण मुंबईवासियों के सामने बड़ी दिक्कत खड़ी होने वाली है. रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई के जलाशयों में पानी की मात्रा बेहद की कम रह गई है, जिसे अब सिर्फ 20 दिनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. पिछले साल भी हुई कम बारिश के कारण Brihanmumbai Municipal Corporation (BMC) ने नवंबर 2018 से पानी की सप्लाई में 10% की कटौती की थी. आमतौर पर जून के दूसरे हफ्ते में मानसून मुंबई में दस्तक दे देता है लेकिन इस बार मानूस देरी से पहुंचा है और मानसून की हालत भी कमजोर दिख रही है. मुंबई शहर को कई जगहों से पानी मिलता है, जिनमें मोदक सागर, तानसा, मध्य वैतरणा, तुलसी और विहार मुख्य हैं. इन सभा जलाशयों में करीब 73,000 मिलियन लीटर पानी ही रह गया है, जिसका इस्तेमाल सिर्फ 20 दिन तक ही किया जा सकता है.
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मौसम विभाग के मुताबिक 29 जून से मानसून तेजी पकड़ सकता है और मुंबई के लोगों को राहत मिल सकती है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो मुंबईवासियों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी होने वाली है. मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों की बात करें तो 19 जून तक पूरे देश में 43% कम बारिश हुई है. देशभर में अभीतक 86.3 मिलीमीटर बारिश हुई है, जिसे अभी तक 135.6 मिलीमीटर होना चाहिए था. पिछले एक दशक में 2009 में जून में 52% कम बारिश हुई थी जिसका खामियाजा लोगों को सूखे के रूप में भुगतना पड़ा था. मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 45 सालों में मानसून इस बार सबसे ज्यादा देरी से पहुंचा है.