शंभाजी भिडे भले ही सुर्खियों में नहीं रहते इसके बावजूद वे हाई प्रोफाइल व्यक्ति हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरक्षा घेरा तोड़कर खुद उनसे मिले थे. दलित संगठनों ने भिडे पर भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है. हालांकि भिडे ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. संभाजी भिडे के संगठन ने मुंबई में एक कार्यक्रम करने की परमीशन मुंबई पुलिस से मांगी थी जिसे खारिज कर दिया गया.
मुंबई. महाराष्ट्र हिंसा के आरोपी शंभाजी भिडे को पुलिस ने किसी भी तरह की रैली या कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति देने से इंकार कर दिया है. शिव प्रतिष्ठान अनुष्ठान नामक संगठन के अध्यक्ष संभाजी भिडे ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया था.शिव प्रतिष्ठान अनुष्ठान संगठन ने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर एक कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति मांगी थी जिसमें संभाजी भिडे के भाषण देने की संभावना थी लेकिन पुलिस ने परमीशन देने से इंकार कर दिया है. पुणे में हुई हिंसा के बाद प्रशासन काफी सतर्कता बरत रहा है. भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के बाद दलितों के दो दिन महाराष्ट्र बंद के कारण राज्य के कई बड़े शहरों में स्थिति काफी बिगड़ गई थी ऐसे में शंभाजी के संबोधन के बाद स्थिति फिर से न बिगड़ जाए इसलिए ऐसा कदम उठाया जा रहा है.
बता दें कि महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में दलितों पर हुए हमले में शंभाजी भिडे और मिलिंद एकबोटे पर हिंसा भड़काने के आरोप हैं. डॉ. भीमराव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश अंबेडकर और कई अन्य दलित संगठनों ने शंभाजी भिडे पर हिंसा भड़काने के आरोप लगाकर उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी. प्रकाश अंबेडकर ने आरोप लगाए थे कि दलितों पर हिंसा के लिए लोगों को शंभाजी भिडे ने भड़काया उनके इशारे पर ही दलितों के काफिले पर पत्थरबाजी की गई. उन्हें गिरफ्तार किया जाए.
प्रकाश अंबेडकर के आरोपों का शंभाजी भिडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर खंडन किया है. भिडे ने कहा कि उस घटना से उनका कोई लेना देना नहीं है. भिडे ने आरोप लगाया कि उन्हें जबरदस्ती इस मामले में फंसाया जा रहा है. 85 वर्षीय भिडे ने कहा कि वह समाज को तोड़ने का काम नहीं करते. एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण पर समंतक मणि चुराने के आरोप लगे थे मुझपर भी उसी तरह के इल्जाम लगाए जा रहे हैं जो बेबुनियाद हैं.
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