डिंपल को बहू ना मानने की जिद पर अड़े थे मुलायम! अखिलेश ने ऐसे किया पिता को मजबूर

लखनऊ/नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव-2024 में समाजवादी पार्टी को अपने आम चुनाव के इतिहास की सबसे बड़ी जीत मिली. पार्टी ने यूपी की 37 सीटों पर जीत हासिल की. जिसके बाद सपा सांसदों के लिहाज से देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. बीजेपी को बहुमत से दूर करने वाली इस बड़ी जीत का सेहरा सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सिर पर बंधा. अखिलेश खुद भी कन्नौज से जीतकर संसद पहुंचे.

4 जून 2024 को आए नतीजों में अखिलेश समेत उनके परिवार के 5 लोगों सांसद बने. जिसमें उनकी पत्नी डिंपल यादव, चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव, आदित्य यादव और अक्षय यादव शामिल हैं. अखिलेश और उनकी पत्नी डिंपल देश के उन चुनिंदा पति-पत्नी में शामिल हैं, जो लोकसभा के सदस्य हैं या फिर रहे हैं. बता दें कि अखिलेश और डिंपल की सियासत की जितनी चर्चा होती है, उतनी ही चर्चा उनकी प्रेम कहानी की भी होती है.

शादी के खिलाफ थे पिता

अखिलेश और डिंपल यादव की पहली मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई थी. उस वक्त डिंपल लखनऊ विश्व विद्यालय से ग्रेजुएशन कर रही थीं, वहीं अखिलेश ऑस्ट्रेलिया से पढ़ाई कर लौटे थे. इस दौरान दोनों के बीच मुलाकातों का सिलसिला बढ़ने लगा और ये मुलाकातें फिर प्यार में तब्दील हो गईं. जिसके बाद दोनों ने अपने घर पर शादी की इच्छा जाहिर की.

बताया जाता है कि डिंपल के परिवार के वाले तो थोड़े मान-मनौव्वल के बाद इस शादी के लिए राजी हो गए. लेकिन अखिलेश के पिता मुलायम सिंह शादी इस रिश्ते के खिलाफ थे. वह अखिलेश की डिंपल से शादी नहीं होने देना चाहते थे. लेकिन फिर अखिलेश ने एक ऐसी बात छेड़ दी जिससे पिता मुलायम को इस शादी के लिए राजी होना पड़ा. दरअसल अखिलेश ने कहा कि अगर अभी शादी होती है तो उनकी मूर्तिदेवी भी इसमें शामिल हो जाएंगी.

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