बुधवार को अपने जन्मदिवस के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए मुलायम सिंह यादव ने अयोध्या विवाद का मुद्दा उठाया, उन्होंने कहा कि देश की अखण्डता के लिए अगर और भी कारसेवक मारने पड़ते तो मार देते. साथ ही कहा कि उन्होंने मुस्लिमों का साथ नहीं छोड़ा.
लखनऊः समाजवादी पार्टी के संस्थापक पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को अपने जन्मदिन के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने 1990 में अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाने आदेश को उचित ठहराते हुए कहा कि देश की एकता के लिए और भी कारसेवकों पर गोली चलाने के आदेश को उचित ठहराया. उन्होंने कहा कि देश की एकता के लिए और भी कारसेवक मारने पड़ते तो सुरक्षा बल उन्हें मार देते. मुलायम सिंह ने पार्टी को आज भी मुसलमानों का समर्थन हासिल होने का दावा करते हुए कहा कि अगर वह अयोध्या मस्जिद नहीं बचाते तो ठीकक नहीं होता क्योंकि उस दौर में कई नौजवानों ने हथियार उठा लिए थे. उन्होंने कहा कि 1990 में मुख्यमंत्री रहने के दौरान हमने देश की एकता के लिए कारसोवकों पर गोली चलवाईं. जिसमें 28 लोग मारे गए थे.
बता दें बुधवार को 78 साल के हो गए. पार्टी मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में मुलायम ने दावा किया कि उन्होंने मुस्लिमों का साथ नहीं छोड़ा है. बल्कि विधानसभा चुनाव में सपा नेता उनका वोट नहीं डलवा सके. जिन मुसलमानों ने वोट दिया उनमें से 90 फीसदी ने सपा को ही दिया. उन्होंने पार्टी के लोगों से कहा,‘आमतौर पर मुसलमान आज भी सपा के साथ सहानुभूति रखता है, लेकिन मौजूदा हालात को आप कैसे ठीक करोगे, बूथ कैसे चलवाओगे?
उन्होंने कहा आमतौर पर मुसलमान आज भी सपा के साथ सहानभूति रखता है, लेकिन मौजूदा हालात आप कैसे ठीक करोगे, बूथ कैसे चलवाओगे, उनकी मुसीबत में साथ देकर. उन्होंने दावा किया कि वे एक गोपनीय बात बता रहे हैं, ‘अगर हम मस्जिद नहीं बचाते तो उस दौर के कई मुस्लिम नौजवानों ने हथियार उठा लिए थे. उन्होंने आगे कहा कि जब हमारा पूजास्थल नहीं रहेगा तो देश हमारा कैसे है, इन सवालों को आपको जानना होगा.मुलायम ने कहा, ‘एक बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लोकसभा में कहा था कि अयोध्या में गोली चलने से 56 लोगों की मौत हुई थी. हमने कहा कि अगर आप 56 की सूची हमें दे दे तो मैं पैर छूकर माफी मागूंगा. उनके पास सूची नहीं थी. सचाई यह थी कि 28 लोग मरे थे, उनमें से जो 12 उपेक्षित रह गए थे, उनके परिजन की मैंने चुपचाप मदद कर दी थी.
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