गाजीपुर/लखनऊ: माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की गुरुवार-28 मार्च को कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई. बांदा जेल में बंद मुख्तार को उल्टी की शिकायत और बेहोशी की हालत में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां 9 डॉक्टर्स ने इलाज किया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई सकी. अब शुक्रवार सुबह तीन डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी का पोस्टमॉर्टम करेगा. इसके बाद गाजीपुर के मोहम्मदाबाद कब्रिस्तान में मुख्तार अंसारी को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूरा उत्तर प्रदेश हाई अलर्ट पर है. पूरे राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है. वहीं, मऊ और गाजीपुर में धारा-144 को लागू कर दिया गया है. इसके साथ ही बांदा में भी सुरक्षा व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए गए हैं. बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. डीजीपी मुख्यालय की ओर से भी सतर्कता बरतने का निर्देश जारी किया गया है.
बता दें कि मुख्तार अंसारी पिछले 19 साल से जेल में बंद था. अन्तर्राज्यीय गैंग 191 के सरगना मुख्तार को 25 अक्टूबर 2005 में जेल भेजा गया था. उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब में 65 मुकदमे दर्ज हैं. साल 2017 में यूपी में योगी सरकार के आने से पहले वो पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था, उसे वापस उत्तर प्रदेश लाने के लिए योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी. जिसके बाद उसे बांदा जेल में शिफ्ट किया गया.
Mukhtar Ansari Dies: 2005 से जेल में बंद था मुख्तार, पिछले 17 महीने में 8 बार हुई सजा
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