मुख्तार अंसारी कानून व्यवस्था के लिए कलंक और चुनौती- इलाहाबाद हाई कोर्ट

लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी को लेकर मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक बड़ी टिप्पणी की है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान माफिया मुख्तार अंसारी को कानून व्यवस्था लिए कलंक और चुनौती करार दिया है. अदालत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष और तीन नौकरशाहों की कमेटी से विधायक निधि के दुरुपयोग का ऑडिट कराया जाए. वहीं अदालत ने मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी को ङी खारिज कर दिया है.

क्या है मामला?

बता दें कि सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक निधि के दुरुपयोग के मामले में पूर्वांचल के माफिया डान मुख्तार अंसारी बड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया. कोर्ट ने बहस पूरी होने के बाद 20 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया है. बाहुबली मुख्तार अंसारी पर विधायक निधि के दुरुपयोग करने का आरोप है. मुख्तार के खिलाफ मऊ के सराय लखंसी थाने में 24 अप्रैल 2021 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

क्या है आरोप?

दरअसल, मुख्तार अंसारी पर धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 120 बी आईपीसी के तहत मामला दर्ज है. इस मामले में मुख्तार अंसारी के साथ चार अन्य आरोपी बनाए गए हैं. मुख्तार अंसारी पर विधायक निधि से विद्यालय निर्माण के लिए प्रबंधक को 25 लाख रुपए दिए गए थे. इन पर आरोप है कि विद्यालय का निर्माण नहीं कराया गया. इस मामले में विद्यालय के प्रबंधक बैजनाथ यादव और विधायक प्रतिनिधि आनंद यादव भी आरोपी बनाए गए हैं. बता दें कि कोर्ट से विद्यालय प्रबंधक बैजनाथ यादव और प्रतिनिधि आनंद यादव को जमानत मिल चुकी है. वहीं बाहुबली मुख्तार अंसारी अभी बांदा जेल में बंद हैं. बता दें कि मुख्तार अंसार मऊ जिले से कई बार विधायक रहे है.

 

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