नई दिल्लीः कोयला व्यापारी नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकाने के मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी को अदालत ने दोषी करार दिया है। न्यायालय ने मुख्तार को पांच साल छह माह की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपये जुर्माना भी ठोका गया है। जुर्माना न देने पर दो महीने […]
नई दिल्लीः कोयला व्यापारी नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकाने के मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी को अदालत ने दोषी करार दिया है। न्यायालय ने मुख्तार को पांच साल छह माह की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपये जुर्माना भी ठोका गया है। जुर्माना न देने पर दो महीने अतिरिक्त सजा भुगतनी होंगी। फैसला अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रथम/एमपी एमएलए अदालत के प्रभारी उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत ने दिया है।
सुनवाई के दौरान संयुक्त निदेशक अभियोजन हरकिशोर सिंह और वादी के वकील विधानचंद यादव और ओपी सिंह ने अभियोजन पक्ष की दलीलें रखी। बता दें कि रुंगटा को धमकी देने के मामले में गुरुवार को आरोपी मुख्तार अंसारी का बयान कोर्ट में दर्ज किया गया। बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा कोर्ट में पेश हुआ। विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट में विचाराधीन इस मामले में अदालत में जो सवाल पूछा गया, मुख्तार अंसारी ने उसका जवाब दिया। अदालत ने अगली सुनवाई और आरोपी का लिखित कथन दाखिल करने के लिए 17 अगस्त की तारीख तय की हैं।
रवींद्रपुरी कॉलोनी निवासी कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा का 22 जनवरी 1997 को अपहरण कर लिया गया था। इस मुकदमे की सुनवाई के बीच पांच नवंबर 1997 की शाम नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को फोन पर धमकी दी गई कि अपहरण कांड की पैरवी न करें, नहीं तो बम से उड़ा दिया जाएगा। इस मामले में एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ धमकाने का मुकदमा दायर किया गया था।