नई दिल्ली : अतीक अहमद की पत्नी-बेटे की तरह ही मुख्तार के सुपुर्द-ए-खाक में पत्नी और बेटा अब्बास नहीं शामिल हो पाए हैं. बता दें कि मुख्तार अंसारी के शव को मोहम्मदाबाद स्थित काली बाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया, प्रयागराज में अतीक अहमद के सुपुर्द-ए-खाक में उसकी पत्नी शाइस्ता औऱ बेटे शामिल नहीं […]
नई दिल्ली : अतीक अहमद की पत्नी-बेटे की तरह ही मुख्तार के सुपुर्द-ए-खाक में पत्नी और बेटा अब्बास नहीं शामिल हो पाए हैं. बता दें कि मुख्तार अंसारी के शव को मोहम्मदाबाद स्थित काली बाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया, प्रयागराज में अतीक अहमद के सुपुर्द-ए-खाक में उसकी पत्नी शाइस्ता औऱ बेटे शामिल नहीं हो सके थे. दरअसल कुछ ऐसा ही संयोग आज मुख्तार अंसारी के सुपुर्द-ए-खाक में पड़ा जब उसकी पत्नी और बेटा अब्बास शामिल नहीं हो सकें. मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को पेरोल दिए जाने या फिर न्यायिक हिरासत में जनाजे में शामिल होने की इजाजत दिए जाने की अर्जी शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल नहीं हो सकी.
जेल में बंद मुख्तार के बेटे अब्बास के जनाजे में शामिल नहीं हुआ है. उन्होने अपने पिता के जनाजे मेंं शामिल होने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में आज छुट्टी है, जिसकी वजह से उन्हे जनाजे में शामिल होने की अनुमति नहीं मिल पाई. कल मुख्तार के शव को भारी पुलिस सुरक्षा के बीच गाजीपुर के लिए रवाना किया गया था. मुख्तार के शव के साथ पुलिस का काफिला चल रहा था,जिसमें पुलिस की कई गाड़ियां मौजूद थी. शव को पहुंचाने के लिए पुलिस ने पहले से ही रूट तैयार कर लिया था.
मुख्तार के बेटे उमर ने बांदा के DM को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि उनके पिता का पोस्टमॉर्टम दिल्ली एम्स के डॉक्टरों के द्वारा कराया जाए. अपने पत्र में उन्होने लिखा कि उनके परिवार को बांदा की चिकित्सा व्यवस्था पर कोई विश्वास नहीं है.