नई दिल्ली : सत्ताधारी NDA ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नहीं बनाया. हालांकि इस रेस में उनका नाम सबसे आगे माना जा रहा था जो नहीं हुआ. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ अब NDA की ओर से उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे. अब सवाल ये उठता […]
नई दिल्ली : सत्ताधारी NDA ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नहीं बनाया. हालांकि इस रेस में उनका नाम सबसे आगे माना जा रहा था जो नहीं हुआ. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ अब NDA की ओर से उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे. अब सवाल ये उठता है कि केंद्रीय पद से इस्तीफ़ा देने वाले नकवी का राजनीति में भविष्य अब क्या होने वाला है. राज्यसभा सदस्यता ख़त्म होने के बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें जरूर कोई बड़ा पद मिलने जा रहा है लेकिन उपराष्ट्रपति के लिए तो उम्मीदवार कोई और चुन लिया गया. तो अब नकवी के हिस्से में क्या?
इस साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इतना ही नहीं जल्द ही यानी साल 2024 में लोकसभा चुनाव भी हैं. ऐसे में मुख्तार अब्बास नकवी को संगठन की जिम्मेदारी देने पर विचार किया जा सकता है. पहले भी कई बार वरिष्ठ मंत्रियों को मोदी कैबिनेट से हटाकर संगठन में जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. भाजपा के दिग्गज नेता रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर इस बात के उदाहरण हैं. ऐसे में संगठन में मुख्तार को बड़ी भूमिका में लाए जाने की संभावना है.
मुख्तार अब्बास नकवी को लेकर एक चर्चा ये भी है कि उन्हें किसी बड़े राज्य की जिम्मेदारी सौंपी जाए. उन्हें किसी बड़े राज्य का नया राज्यपाल बनाए जाने की संभावना है. वर्तमान समय की बात करें तो केरल के आरिफ मोहम्मद खान ही इकलौते मुस्लिम राज्यपाल हैं. यदि भाजपा नकवी को संवैधानिक पद देती है तो इससे भाजपा पर मुस्लिम विरोधी होने के आरोप भी कमजोर पड़ जाएंगे। बता दें, नकवी को भाजपा के लिए मुख्य मुस्लिम चेहरा समझा जाता रहा है. जिन्होंने साल 2019 में केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री के रूप में अपना पद संभाला था.
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