MSP Relief to Farmers देश भर में बीते एक साल से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा है. किसान आंदोलन में हर दिन कोई न कोई नया मोड़ देखने को मिल रहा है, ऐसे में किसानों का कहना है कि वे ये आंदोलन तभी खत्म करेंगे जब तीनों कृषि कानूनों को […]
देश भर में बीते एक साल से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा है. किसान आंदोलन में हर दिन कोई न कोई नया मोड़ देखने को मिल रहा है, ऐसे में किसानों का कहना है कि वे ये आंदोलन तभी खत्म करेंगे जब तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाएगा. इसी बीच सरकार ने रबी फसलों की MSP बढ़ाने का फैसला किया है.
किसान आंदोलन देश भर में तेज़ी से चल रहा है, इसमें न किसान पीछे हटने को तैयार है और न ही सरकार. ऐसे में किसानों के बढ़ते आंदोलन के बीच सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है. सरकार ने रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है. बता दें कि, मौजूदा समय में सरकार खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है. सरकार ने अब मार्केटिंग वर्ष 2022-2023 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की दरों में वृद्धि की है. सरकार ने मसूर की दाल व कैनोला (रेपसीड) और सरसों, प्रत्येक के एमएसपी में 400 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है, वहीं चने के एमएसपी में 130 रुपये प्रति क्विंटल और कुसुम के फूल के एमएसपी में 114 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है. भारत सरकार ने गेहूं के एमएसपी में 40 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है, यानी अब गेहूं की एमएसपी 2,015 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है.
बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य वह दर है जिसपर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है, अब तक किसानों और सरकार के बीच कृषि कानूनों पर हर दौर की बातचीत विफल ही रही है, ऐसे में यह निर्णय कितना कारगर सिद्ध होता है यह तो वक़्त ही बताएगा.
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