नई दिल्ली/भोपाल: मोहन यादव भले ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो गए हों, लेकिन भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का पदाधिकारी बनने का उनका सपना नहीं पूरा हुआ है. नई दिल्ली में गुरुवार को हुए भारतीय कुश्ती महासंघ के उपाध्यक्ष के चुनाव में मोहन यादव को हार मिली है. उन्हें चुनाव में […]
नई दिल्ली/भोपाल: मोहन यादव भले ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो गए हों, लेकिन भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का पदाधिकारी बनने का उनका सपना नहीं पूरा हुआ है. नई दिल्ली में गुरुवार को हुए भारतीय कुश्ती महासंघ के उपाध्यक्ष के चुनाव में मोहन यादव को हार मिली है. उन्हें चुनाव में सिर्फ 5 वोट मिले हैं. मालूम हो कि मोहन यादव इस वक्त मध्य प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं. वे पहलवान भी रह चुके हैं.
बता दें कि मोहन यादव ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से काफी पहले जुलाई महीने में भारतीय कुश्ती महासंघ के उपाध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था. उस वक्त, अगस्त में WFI के चुनाव होने वाले थे. हालांकि बाद में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इन चुनावों पर रोक लगा दी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी के मिलने के बाद गुरुवार को चुनाव कराए गए. इन चुनावों में पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगियों ने ज्यादातर सीटों पर जीत दर्ज की है.
भारतीय कुश्ती महासंघ को गुरुवार को नया अध्यक्ष मिल गया. संजय सिंह बीते 11 महीनों से विवादित रहे WFI के नए अध्यक्ष बने हैं. उन्होंने कुश्ती संघ अध्यक्ष के चुनाव में कॉमनवेल्थ चैंपियन अनीता सिंह श्योराण को मात दी है. अनीता सिंह को खेल मंत्रालय और पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ धरना देने वाले पहलवानों का समर्थन प्राप्त था. वह महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ गवाह भी हैं. मालूम हो कि बृजभूषण ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा था. वे लगातार 12 साल तक इस पद पर रहे हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले 12 अगस्त को रेसलिंग फेडरेशन के चुनाव होने थे, लेकिन इलेक्शन से ठीक पहले पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा कुश्ती संघ की याचिका पर चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. इसके बाद 22 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला पलटते हुए भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर लगी रोक हटा दी. इसके बाद आज सुबह 11 बजे कुश्ती संघ के पदाधिकारियों के लिए मतदान हुआ.