नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को एक बार फिर एमपॉक्स को वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी के रूप में घोषित कर दिया.
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को एक बार फिर एमपॉक्स को वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी के रूप में घोषित कर दिया. Mpox को पहले मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता था, यह 13 अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा है. इस बीमारी से अब तक 524 लोगों की मौत हो चुकी है. WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने आईएचआर आपातकालीन समिति की बैठक के बाद कहा कि तीन वर्षों में दूसरी बार है जब Mpox आपातकालीन स्थिति में पहुंच गया है.
आपको बता दें कि Mpox एक वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर निकट संपर्क से फैलता है. लक्षणों में फ्लू जैसी बीमारी और मवाद से भरे घावों के दाने शामिल हैं. वहीं WHO की अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (PHEIC) की घोषणा इसकी चेतावनी का उच्चतम स्तर है. किसी बीमारी के फैलने को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) के रूप में नामित करते हुए WHO बीमारी को नियंत्रित करने और रोकने के लिए अनुसंधान, वित्त पोषण और वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों में तेजी ला सकता है.
तीन वर्षों में यह दूसरी बार है कि WHO ने एमपॉक्स महामारी को वैश्विक आपातकाल घोषित किया है, इससे पहले जुलाई 2022 में ऐसा किया गया था. उस प्रकोप ने अंततः 116 देशों में लगभग 100,000 लोगों को प्रभावित किया और इसके परिणामस्वरूप लगभग 200 लोग मारे गए. वहीं मौजूदा ख़तरा और भी गंभीर है. इस वर्ष मामलों की संख्या आसमान छू गई है और अकेले कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में 14,000 से अधिक एमपॉक्स मामले और 524 मौतें दर्ज की गई हैं. 15 वर्ष से कम उम्र की महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक जोखिम में हैं, जिससे अफ्रीकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों को भी एमपॉक्स आपातकाल घोषित करना पड़ा.
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