नई दिल्ली: शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए मध्य प्रदेश में ‘एक शाला-एक परिसर’ का मॉडल लागू है, लेकिन मध्य प्रदेश का यह स्कूल मॉडल अब देशभर में लागू होगा। क्योंकि नीति आयोग ने देश के सभी राज्यों में यह स्कूल मॉडल लागू करने की सिफारिश की है. फिलहाल यह मॉडल मध्य प्रदेश के अलावा […]
नई दिल्ली: शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए मध्य प्रदेश में ‘एक शाला-एक परिसर’ का मॉडल लागू है, लेकिन मध्य प्रदेश का यह स्कूल मॉडल अब देशभर में लागू होगा। क्योंकि नीति आयोग ने देश के सभी राज्यों में यह स्कूल मॉडल लागू करने की सिफारिश की है. फिलहाल यह मॉडल मध्य प्रदेश के अलावा झारखंड और ओडिशा में भी लागू है।
आपको बता दें कि ‘एक शाला-एक परिसर’ मॉडल के तहत स्कूलों का मर्जर किया जाता है. इस मॉडल के तहत एक किलोमीटर के अंतर्गत जितने भी स्कूल होते हैं उनका मर्जर करके केवल एक स्कूल बनाया जाता है और इससे शिक्षकों की कमी भी पूरी होती है. छात्रों को इससे अच्छी शिक्षा भी मिल जाती है. वहीं उन स्कूलों को मर्जर किया जाता है जिनमें पचास से कम छात्र होते हैं. ऐसे में नीति आयोग ने देशभर में यह मॉडल लागू करने की सिफारिश की है।
नीति आयोग का कहना है कि देशभर में इस मॉडल से शिक्षकों की कमी पूरी होगी, जबकि शिक्षा की गुणवत्ता भी स्कूलों में सुधरेगी। इसी वजह से नीति आयोग ने अब देशभर में लागू करने के लिए यह सिफारिश की है।
. सभी विषयों के शिक्षक एक ही स्कूल में उपलब्ध होंगे।
. शिक्षकों की कमी दूर होगी।
. छोटे-छोटे स्कूलों को शामिल करके एक बड़ा स्कूल बन जाएगा।
. शिक्षकों और बड़े अधिकारियों की जवाबदेही रहेगी।
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