Madhya Pradesh Government Crisis: ज्योतिरादित्य सिंधिया और 22 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की. जिसके बाद शिवराज ने कहा कि कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ जी की सरकार अब अल्पमत में है, ऐसी हालात में सरकार चलाने का कोई भी संवैधानिक अधिकार उनके (कमलनाथ) पास नहीं है.
भोपाल. Madhya Pradesh Government Crisis: ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति हलचल तेज है. सत्ता की चाह में बैठी भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि सूबे में भाजपा ही सरकार बनाएगी. शनिवार को पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा. बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे राज्यपाल महोदय से मुलाकात करके उनको ज्ञापन सौंपकर आए हैं.
पूर्व सीएम शिवराज ने कहा कि कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ जी की सरकार अब अल्पमत में है, ऐसी हालात में सरकार चलाने का कोई भी संवैधानिक अधिकार वर्तमान कांग्रेस सरकार के पास नहीं है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऐसी स्थिति में जहां राज्य में अल्पमत की सरकार है, ऐसे में बजट सत्र का कोई अर्थ नहीं बनता.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि पहले राज्य की कमलनाथ सरकार को विधानसभा में विश्वास मत प्राप्त करना चाहिए. इसलिए होने वाले बजट सत्र से पहले ही फ्लोर टेस्ट होना चाहिए.
22 विधायकों के इस्तीफे देने के बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई है।16 मार्च को बजट सत्र शुरू होने के पहले सरकार को विश्वास मत प्राप्त करना जरूरी है इस संबंध राजपाल महोदय को फ्लोर टेस्ट करने हेतु ज्ञापन दिया है-श्री शिवराज सिंह चौहान@ChouhanShivraj pic.twitter.com/c3njuyYOUz
— BJP Madhya Pradesh (@BJP4MP) March 14, 2020
बता दें कि हाल ही में कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. ज्योतिरादित्य के साथ उनके समर्थन वाले 6 मंत्री समेत 22 विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया. इसी वजह से राज्य की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई. हालांकि, भाजपा के उलट सीएम कमलनाथ का दावा है कि उनकी सरकार बिल्कुल ठीक है और कुछ बागी विधायक उनके संपर्क में है. कमलनाथ का कहना है कि आगामी बजट सत्र में वे विश्वास मत हासिल कर लेंगे.