Advertisement

कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाई जाने वाली मादा चीता की मौत

भोपाल: मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क से बेहद दुखद खबर सामने आ रही है जहां नामीबिया से लाइ गई मादा चीता की मौत हो गई है. ये मादा चीता पांच साल की साशा थी जो किडनी संक्रमण से पीड़ित थी. 22 जनवरी को साशा के किडनी संबंधित बीमारी से पीड़ित होने की […]

Advertisement
कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाई जाने वाली मादा चीता की मौत
  • March 27, 2023 8:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

भोपाल: मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क से बेहद दुखद खबर सामने आ रही है जहां नामीबिया से लाइ गई मादा चीता की मौत हो गई है. ये मादा चीता पांच साल की साशा थी जो किडनी संक्रमण से पीड़ित थी. 22 जनवरी को साशा के किडनी संबंधित बीमारी से पीड़ित होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद उसका इलाज करवाया जाने लगा. बताया जा रहा है कि भारत की धरती पर आने से पहले से ही मादा चीता इस बीमारी से जूझ रही थी. नामीबिया में उसका इस इन्फेक्शन को लेकर एक ऑपरेशन भी हो चुका था लेकिन इस बात को छिपाया गया था.

कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन ने की मौत की पुष्टि

किडनी में थी बीमारी

दरअसल मादा चीता साशा अन्य दो मादा चीता सवाना और सियाया के साथ कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़े में बने कंपार्टमेंट नंबर 5 में रहा करती थी. गत 22-23 जनवरी को साशा में बीमार होने के लक्षण पता चले. इसके बाद उसे बड़े बाड़े से छोटे बाड़े में शिफ्ट कर दिया गया और उसपर निगरानी रखी जाने लगी. यहां पाया गया कि साशा खाना नहीं खा रही थी और वह सुस्त हो गई थी. इसके बाद कूनो नेशनल पार्क में मौजूद तीन डॉक्टर और भोपाल से पहुंची डॉक्टरों की टीम ने साशा की जांच की. जांच में पता चला कि मादा चीता को किडनी इन्फेक्शन था.

पुरानी रिपोर्ट्स से हुआ खुलासा

याद हो पिछले साल यानी 2022 में ही 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर भारत में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों (5 मादा और 3 नर) का स्वागत किया था. इन चीतों को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था. बीते चार माह में सभी 8 चीते अपने नए घर कूनो में सर्वाइव भी करने लगे थे. सभी चीते पूरी तरह से फिट बताए जा रहे थे और सही ढंग से शिकार भी कर रहे थे लेकिन मादा चीता की बीमारी की वजह से हालत बिगड़ने लगी. सबसे बड़े विशेषज्ञ डॉ. एड्रियन टोरडीफ के परामर्श से उसका इलाज भी किया गया लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं पाए.

 

भारत आने से पहले से बीमार थी साशा

बताया जा रहा है कि भारत आने से पहले ही साशा बीमार थी. जब नामीबिया के चीता कंजर्वेशन फाउंडेशन से साशा की ट्रीटमेंट हिस्ट्री मंगाई गई तो इस बात का खुलासा हुआ. पता चलता है कि 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में किए गए अंतिम ब्लड सैंपल जांच में साशा का क्रियेटिनिन का स्तर 400 से ज्यादा था. इससे इस बात की पुष्टि होती है कि उसे भारत आने से पहले से ही इन्फेक्शन था.

कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध

Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद

Advertisement