October 17, 2024
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भारत के इन राज्यों में होते हैं, सबसे ज्यादे बाल विवाह

भारत के इन राज्यों में होते हैं, सबसे ज्यादे बाल विवाह

  • WRITTEN BY: Shikha Pandey
  • LAST UPDATED : October 15, 2024, 12:53 pm IST
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नई दिल्ली: भारत में बाल विवाह की समस्या हर राज्य में एक जैसी नहीं है. कुछ राज्यों में यह समस्या काफी गंभीर है. तो कुछ राज्यों में बेहद कम है. बाल विवाह का मतलब है 18 साल से कम उम्र के किसी बच्चे की किसी वयस्क से शादी कर देना. यह नाबालिग बच्चों के साथ अन्याय है और उनके अधिकारों का हनन भी है. इस बुराई को पूरी दुनिया खत्म करना चाहती है. 2030 तक बाल विवाह को खत्म करने का लक्ष्य तय किया गया है.

इन राज्यों में सबसे ज्यादा बाल विवाह

भारत में बाल विवाह की समस्या सभी जगह एक जैसी नहीं है. भारत के कुछ राज्यों में समस्या बहुत गंभीर है. वहीं कुछ राज्यों में यह सबसे कम है. संख्या के हिसाब से आधे से ज्यादा बाल विवाह 5 राज्यों में होते हैं. यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश. यूपी में बाल विवाह की संख्या सबसे ज्यादा है. प्रतिशत के हिसाब से देखे तो पश्चिम बंगाल, बिहार और त्रिपुरा में 40 फीसदी से ज्यादा युवतियों की शादी 18 साल से पहले हो जाती है. वहीं इसके विपरीत लक्षद्वीप में बाल विवाह की दर ना के बराबर है. यहां सिर्फ 1 फीसदी.

इससे यह साफ होता है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में बाल विवाह की समस्या अलग-अलग स्तर पर है. कुछ राज्यों में यह प्रथा आज भी गंभीर रूप से फैली हुई है. जबकि अन्य राज्यों में ये बिल्कुल खत्म हो चुकी है.

कम उम्र में शादी, कम उम्र में मां

भारत में जिन लड़कियों की शादी बचपन में हो जाती है. इनमें से अधिकतर लड़कियां किशोरावस्था पूरी होने से पहले मां बन जाती है. यह एक चिंताजनक स्थिति है. जिससे लड़कियों की हेल्थ और भविष्य पर बुरा असर पड़ता है. जिन लड़कियों की शादी 15 साल से पहले हो जाती है. उनमें से 84 फीसदी लड़कियां 18 साल से पहले माँ बन जाती हैं

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