नई दिल्ली: तुर्की में विनाशकारी भूकंप ने हाहाकार मचा दिया है. अनुमान के अनुसार देश की करीब 2.5 करोड़ की आबादी इस भूकंप से बुरी तरह से प्रभावित है. अब तक जान गवाने वालों की संख्या 9500 पहुँच चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनुमान लगाया है कि ये आंकड़ा 20 हजार को पार कर […]
नई दिल्ली: तुर्की में विनाशकारी भूकंप ने हाहाकार मचा दिया है. अनुमान के अनुसार देश की करीब 2.5 करोड़ की आबादी इस भूकंप से बुरी तरह से प्रभावित है. अब तक जान गवाने वालों की संख्या 9500 पहुँच चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनुमान लगाया है कि ये आंकड़ा 20 हजार को पार कर सकता है. फिलहाल राहत बचाव का कार्य बड़े स्तर पर जारी है. इस समय तक तुर्की में 6,234 और सीरिया में 2,470 लोगों ने जान गवाई है. इस समय दोनों देश मौसम खराब होने की वजह से दोहरी मार को भी झेल रहे हैं. देश के तीन एयरपोर्ट दरारों की वजह से बेजान पड़े हैं. बर्फ़बारी और ठंड की वजह से राहत बचाव कार्यो में भी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है.
आंकड़ों के अनुसार इस भूकंप से अबतक 1.5 करोड़ लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. 6 हजार से अधिक इमारतों को इन झटकों से नुकसान पहुंचा है. देश का यातायात बुरी तरह से ठप्प हो गया है जहां तुर्की के तीन बड़े एयरपोर्ट बर्बाद हो चुके हैं. रनवे पर गहरी दरारें पड़ चुकी है जिस कारण प्लेन की लैंडिंग करवाना मुश्किल नहीं असंभव है. तुर्की में आए इस भूकंप के बाद दुनिया भर के 84 देश उसकी मदद के लिए आगे आए हैं. भारत ने भी NDRF की दो टीमें मदद के लिए रवाना की हैं.
उत्तरी सीरिया से यह वीडियो सामने आया है जिसमें मलबे के नीचे दबी बच्ची को देखा जा सकता है. छोटी सी मासूम बच्ची 36 घंटे से मलबे के नीचे गोद में अपनी भाई को लिए हुए है. वह गुहार लगा रही है कि उसे और उसके भाई को इस मुसीबत से बाहर निकाल लिया जाए. दरअसल सीरिया में हरम शहर के पास छोटा सा गांव है बेसनया-बसईनेह ये वीडियो वहीं का बताया जा रहा है. रेस्क्यू टीम जब यहां पहुंची तो उन्होंने देखा कि एक बच्ची और उसका छोटा भाई मलबे के नीचे ज़िंदा दबे हुए हैं.
इस दौरान बच्ची ने बचावकर्मी कहा, मुझे यहां से बाहर निकाल लें, आप जो कहेंगे मैं करूंगी, जीवन भर आपकी नौकर बनकर रहूंगी.” बच्ची की इस मार्मिक विनती पर बचावकर्मी ने जवाब में ‘नहीं, नहीं’ कहा. जानकारी के अनुसार बच्ची और उसके भाई को बाहर निकाल लिया गया है. बच्ची का ना मरियम है। उसने बताया कि जब भूकंप आया तब वह और उसका भाई बिस्तर पर सो रहे थे. बच्ची के भाई का नाम इलाफ है. बच्ची के पिता मुस्तफा जुहैर अल-सईद ने बताया कि उसने महसूस किया कि धरती हिल रही है और अचानक मलबा उसके परिवार पर आकर गिर गया. मलबे में दबे होने पर वे जोर-जोर से कुरान पढ़ रहे थे ताकी कोई उनकी मदद के लिए आ सके.
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