मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की हवा भी बीते दिनों से लगातार जहरीली हो गई है। इस ज़हरीली हवा लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस हवा से लोगों को सर्दी, खांसी, गले में खराश की समस्या का सामना करना पड़ता है। यही नहीं इस बदतर हवा से लोगों […]
मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की हवा भी बीते दिनों से लगातार जहरीली हो गई है। इस ज़हरीली हवा लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस हवा से लोगों को सर्दी, खांसी, गले में खराश की समस्या का सामना करना पड़ता है। यही नहीं इस बदतर हवा से लोगों को सांस लेने में तकलीफ और घुटन भी महसूस होती है। मुंबई का AQI लगातार छठे दिन दिल्ली से भी खराब रहा।
आपको बता दें, मुंबई एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) तीन सौ पार कर गया है। मुंबई का AQI 319 दर्ज किया गया है। हवा की खराब गुणवत्ता के चलते हवा की गति में कमी आई। इससे दक्षिणी और मध्य भागों में भी हवा खराब स्तर पर दर्ज की गई है। अभी तक राज्य सरकार या नगर निगम प्रशासन द्वारा मुंबई की बिगड़ती वायु गुणवत्ता को ठीक करने के लिए कोई विशेष उपाय नहीं किए जा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र पटेल इस मामले पर चर्चा करने के लिए आज (शुक्रवार 20 जनवरी) मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बंगले पहुंचे। AQI का स्तर 319 तक पहुंचने का साफ़ मतलब है कि हवा की गुणवत्ता बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता मुंबई की तुलना में ठीक है। दिल्ली का AQI फिलहाल 308 के स्तर पर है।
मुंबई और उसके आसपास की सबसे खराब स्थिति चेंबूर और नवी मुंबई की हवा की गुणवत्ता है। एक्यूआई नवी मुंबई में 362, अंधेरी में 327, चेंबूर में 352, बीकेसी में 325, बोरीवली में 215, वर्ली में 200, मझगांव में 331, मलाड में 319, कोलाबा में 323 और भांडुप में 283 से गुजरा। चेंबूर और नवी मुंबई की हवा की गुणवत्ता बेहद खतरनाक स्तर पर है।
आपको बता दें, बीते दिनों खबर सामने आई थी कि बिहार-झारखंड में पराली जलाने से बंगाल में प्रदूषण बढ़ चुका है. इससे बंगाल के सीमावर्ती इलाके में वायु प्रदूषण की मात्रा बढ़ गई है। ममता बनर्जी सरकार इसे रोकने के लिए सीमा पर लंबे पेड़ लगाने की योजना बना रही है। पश्चिम बंगाल के पर्यावरण मंत्री मानस भुइयां का कहना है कि पड़ोसी राज्य झारखंड और बिहार में पराली जलाने के कारण राज्य के दक्षिणी जिलों में वायु प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पराली जलाने से होने वाले धुएं को राज्य में प्रवेश करने से रोकने के लिए योजना बना रही है, जिसके चलते सीमा पर “लंबे पेड़” लगाने की योजना बनाई जा रही है। जब उनसे पूछा गया कि किस प्रजाति के पेड़ लगाए जाएंगे तो उन्होंने कहा “हम विशेषज्ञों के साथ इस पर बात कर रहे हैं और जल्द ही इसका ऐलान भी करेंगे। उन्होंने कहा, “हम तंत्र तय करने के लिए बैठक करेंगे।