पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या ज्यादा- बजट सत्र से पहले द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण

नई दिल्ली। भारतीय संसद के बजट सत्र की शुरुआत आज से हो गई है। इस सत्र से पहले भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपना अभिभाषण दिया। इस अभिभाषण में उन्होंने कई बड़े बातों का जिक्र किया।

महिलाओं के लिए कोई बंदिश न हो

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में महिलाओं को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओं’ अभियान की सफलता को आज हम सभी देख रहे हैं। भारत में पहली बार पुरुषों की संख्या में महिलाओं की संख्या अधिक हुई है। इसी के साथ महिलाओं का स्वास्थ्य भी पहले की तुलना में बहुत बेहतर हुआ है। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी कार्यक्षेत्र में महिलाओं के लिए कोई बंदिश नहीं हो।

अगला 25 वर्ष भारत के निर्माण का कालखंड

राष्ट्रपित द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र के अपने अभिभाषण में बताया कि, भारत के अगले अमृकाल के 25 वर्ष का कालखंड विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है। हम सभी के सामने युग निर्माण का अवसर है। 2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जिसका हर अध्याय अतीत और आधुनिकता के साथ जुड़ाव रखता हो। हम सभी को आत्मनिर्भर भारत बनाना है। 2047 तक ऐसा भारत हो जिसमें गरीबी नहीं हो और जिसका मध्यवर्ग वैभव से युक्त हो।

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“2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण हो, जो अतीत के गौरव से जुड़ा हो”- बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति का अभिभाषण

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