Monsoon Session: कृषि बिल पर संजय राउत का PM मोदी से सवाल- क्या अफवाह में मंत्री ने इस्तीफा दे दिया

Monsoon Session: मानसून सत्र का आज सातवां दिन है. लोकसभा में कषि से जड़े दो बिल पास कराने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्यसभा में कृषि बिल पेश किया है. बीजेपी की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल खुद इस बिल का विरोध कर रही है. पार्टी की सांसद ने हरसिमरत कौर बादल ने बिल के विरोध में कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. समर्थन की बात करें तो जेडीयू और आईएसआर कांग्रेस ने सरकार द्वारा लाए जा रहे बिल का राज्यसभा में समर्थन किया है.

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Monsoon Session: कृषि बिल पर संजय राउत का PM मोदी से सवाल- क्या अफवाह में मंत्री ने इस्तीफा दे दिया

Aanchal Pandey

  • September 20, 2020 12:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र का आज सातवां दिन है. नरेंद्र मोदी सरकार ने कृषि संबंधित विधयकों को राज्यसभा में पेश किया. कृषि से जुड़े दो बिल लोकसभा में पहले ही पेश किए जा चुके हैं. मालूम हो कि एनडीए की सबसे पुरानी सहयोगियों में से एक रहे शिरोमणि अकाली दल ने सरकार के इस बिल का विरोध किया है. पार्टी की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. देशभर के किसान समेत कई विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे इस बिल का विरोध कर रही हैं. इसी को लेकर शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कृषि बिल को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से सवाल किया है. कांग्रेस ने तो मोदी सरकार को किसान विरोधी कहा है.

संजय राउत ने राज्यसभा में कहा कि देश में 70 फीसदी लोग खेती से जुड़े हैं. पूरे लॉकडाउन में किसान ही काम कर रहे थे. सरकार क्या भरोसा दे सकती है कि बिल पास होने के बाद किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी और आगे कोई भी किसान आत्महत्या नहीं करेगा. संजय राउत ने कहा कि अगर यह बिल किसान विरोधी है तो पूरे देश में विरोध क्यों नहीं हो रहा है. अगर पूरे देश में इसका विरोध नहीं हो रहा है तो इसका मतलब है कि बिल को लेकर कुख भ्रम है. सरकार को इसे दूर करना चाहिए. शिवसेना नेता ने कहा कि पीएम मोदी ने बताया था कि बिल को लेकर भ्रम फैलाया गया है, ऐसे में पूछना चाहता हूं कि क्या अफवाह पर ही एक मंत्री ने इस्तीफा दे दिया.

शिरोमणि अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने कहा कि बिल को पहले सेलेक्ट कमिटी को भेजा जाए. जो हितधारक हैं उनको पहले सुना जाए. नरेश गुजराल ने साथ ही सरकार को चेतावनी भी दे दी. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को कमजोर न समझे. JDU ने कृषि विधेयक का समर्थन किया है. पार्टी के सांसद रामचंद्र सिंह ने कहा कि बिहार 2006 में एपीएमसी अधिनियम से हटने वाला पहला राज्य था. तब से कृषि उत्पादन और खरीद एमएसपी के साथ बढ़ी है. YSR कांग्रेस ने कृषि विधेयक का समर्थन किया है. पार्टी के सांसद विजयसाई रेड्डी ने कहा कि पूर्व की सरकार मिडलमैन का समर्थन करती थी.

बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस के लिए किसान सिर्फ एक वोटबैंक हैं. हमारे लिए किसान समाज का विकास करने वाला है. हम सच्चाई के साथ हैं. MSP को हटाने का कोई निर्णय नहीं और हम इस झूठ को 2024 तक आठ बार उजागर करेंगे, क्योंकि वह 2024 तक यहां हैं. भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह उसी प्रकार का झूठ है, जो कांग्रेस ने CAA-NRC के दौरान बोला. वे लोगों को गुमराह करना चाहते हैं.

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