Monsoon Session: मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा की कार्यवाही सुबह 9 बजे शुरू हुई. इस साल 15 सांसदों के निधन पर शोक प्रकट करने के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन के कामकाज के नियम बताए. उन्होंने सांसदों को समझाया कि कोविड के चलते कार्यवाही में क्या बदलाव हुए हैं. विपक्षी दलों ने प्रश्नकाल के निलंबन का विरोध किया और सरकार पर सवालों से बचने का आरोप लगाया. सरकार ने कहा कि यह असाधारण परिस्थिति है जिसमें राजनीतिक दलों को सहयोग करना चाहिए.
मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय सेना के जवानों के पीछे पूरा देश खड़ा है, यह सदन और सदन के सभी सदस्य एक मजबूत संदेश देंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज जब हमारी सेना के वीर जवान सीमा पर डंटे हुए हैं, जिस विश्वास के साथ खड़े हुए है, मातृभूमि की रक्षा के लिए डटे हुए है. यह सदन भी, सदन के सभी सदस्य एक स्वर से, एक भाव से, एक भावना से, एक संदेश देंगे कि सेना के जवानों के पीछे देश खड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय होंगे, अनेक विषयों पर चर्चा होगी.
लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने अचानक चीन सीमा विवाद का मुद्दा उठा दिया. उन्होंने चेयर के जरिए रक्षा मंत्री को संबोधित कर कहा, कई महीनों से हिंदुस्तान के लोग भारी तनाव में हैं क्योंकि हमारे सीमा में चीन… इतना बोलते ही स्पीकर ने उन्हें रोक दिया और कहा कि इसपर बिजनेस एडवायजरी कमिटी में मीटिंग होगी, अब चर्चा नहीं. इसके बाद उन्होंने अगले सांसद को बोलने के लिए आमंत्रित किया.
विपक्षी पार्टियां संसद में एकजुटता दिखाने की कोशिश में हैं. इसी एकजुटता को दिखाने के लिए विपक्ष ने राज्यसभा में उपसभापति के लिए आरजेडी के मनोज झा को साझा उम्मीदवार भी बनाया है. विपक्ष सरकार को अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर घेरना चाहता है. साथ ही LAC पर चीन के मुद्दे को लेकर विपक्ष सरकार से सवाल-जवाब भी करेगा. इसके अलावा कोरोना के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने की तैयारी है.
विपक्ष का मानना है कि सरकार ने इन तमाम मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया. तमाम विपक्षी पार्टियों की कोशिश यही है कि संसद के अंदर और बाहर सरकार को घेरने के लिए तमाम मुद्दों पर एकजुटता दिखाई दे. इसी कोशिश में मनोज झा को राज्यसभा में उपसभापति के लिए उतारा गया है. कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी पहले ही संकेत दे चुके हैं कि सरकार को घेरने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे. डीएमके, तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां भी विपक्ष के साथ एकजुटता दिखाने की तैयारी में हैं.
प्रश्नकाल स्थगित किए जाने को लेकर भी तमाम विपक्षी पार्टी के नेताओं ने सवाल खड़े किए थे और कहा था कि प्रजातंत्र में सरकार से सवाल पूछना हमारा अधिकार है और संसद में जनता के सवाल पूछे जाते रहे हैं. लेकिन इस बार प्रश्नकाल ना रखे जाना, उनके मूलभूत अधिकारों का हनन है. कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी और डेरेक ओ ब्रायन ने प्रश्नकाल ना किए जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी. अधीर रंजन चौधरी ने तो लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखकर कहा था कि प्रश्नकाल को स्थगित ना करके इसको बनाए रखा जाना चाहिए.
संसद का मॉनसून सत्र 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलेगा. इसमें कोविड-19 प्रोटोकॉल का खासा ध्यान रखा गया है. इस सत्र के दौरान कोई भी छुट्टी नहीं होगी.लगातार बैठकें होंगी और 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक 18 बैठकें होंगी. लोकसभा की कार्रवाई 14 सितंबर को पहले दिन सुबह 9:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक चलेगी और फिर 15 सितंबर से 1 अक्टूबर तक दोपहर 3:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक लोकसभा का सदन बैठेगा. इसी तरह राज्यसभा की कार्रवाई भी 14 सितंबर को दोपहर को 3:00 बजे से शाम 7:00 बजे से होगी, लेकिन 15 सितंबर से सुबह 9:00 बजे से 1:00 बजे तक रहेगी.
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