Monsoon Session of Parliament: जानकारी के मुताबिक दोनों सदन वर्चुअली नहीं, बल्कि फिजिकली मिलेंगे. यानी लोकसभा की कार्यवाही लोकसभा हॉल और सेंट्रल हॉल से चलने की संभावना है, जबकि राज्यसभा की कार्यवाही राज्यसभा और लोकसभा हॉल और लॉबी में आयोजित की जाएगी. हालांकि अभी तक बैठने की व्यवस्था के बारे में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
नई दिल्ली: सितंबर के दूसरे सप्ताह से संसद के मॉनसून सत्र की तैयारियां हो रही है. कोरोना के चलते इस बार का संसद सत्र काफी अलग होगा. बताया जा रहा है कि इस बार संसद सत्र में लोकसभआ और राज्यसभा की कार्यवाही अलर्टनेट डे के आधार पर होगी. यानी एक दिन लोकसभा चलेगी और दूसरे दिन राज्य सभा चलेगी. ऐसा इसलिए ताकि डिस्टेंस मैंटेन किया जा सके. समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक ‘संसद का मॉनसून सत्र सितंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू होने की संभावना है और लोकसभा और राज्यसभा का सत्र अल्टरनेट डे के आधार चलेगा, यानी एक दिन लोकसभा और अगले दिन राज्यसभा।’ यह कदम सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने और कोविड-19 को रोकने के लिए किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक दोनों सदन वर्चुअली नहीं, बल्कि फिजिकली मिलेंगे. यानी लोकसभा की कार्यवाही लोकसभा हॉल और सेंट्रल हॉल से चलने की संभावना है, जबकि राज्यसभा की कार्यवाही राज्यसभा और लोकसभा हॉल और लॉबी में आयोजित की जाएगी. हालांकि अभी तक बैठने की व्यवस्था के बारे में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
बताया जा रहा है कि संसद का मॉनसून सत्र चार सप्ताह तक चलने की संभावना है जहां हर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर हैंड सैनिटाइटर उपलब्ध कराए जाएंगे. पिछला संसद सत्र यानी बजट सत्र कोरोना के चलते आनन-फानन में स्थगित कर दिया गया था. संविधान के तहत, एक संसद सत्र के अंत और अगले की शुरुआत के बीच की छह महीने से ज्यादा का अंतर नहीं हो सकता है. इसलिए, मॉनसून सत्र शुरू करने के लिए संसद के पास 23 सितंबर आखिरी तारीख है। बता दें कि 23 मार्च को बजट सत्र खत्म होने से दो दिन पहले ही देश में 68 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउनकी घोषणा हुई थी.
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