देश-प्रदेश

मानसून सत्र 2022 : मोदी सरकार पेश करेगी 24 नए बिल, सहकारिता क्षेत्र में सुधार और डिजिटल मीडिया से जुड़े अहम बिल भी शामिल

 

नई दिल्ली। देश में 18 जुलाई से संसद के मानसून सत्र शुरु हो रहा है. इस सत्र में मोदी सरकार करीब 24 नए बिलों को पेश करने का प्रस्ताव रखेगी. लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सत्र में केंद्र सरकार The Ancient Monuments & Archaeological Sites & Remains (Amendment) Bill, The Multi State Cooperative Societies (Amendment) Bill 2022, Central Universities (Amendment) Bill और Press & Registration of Periodicals Bill 2022 जैसे महत्वपूर्ण बिल पेश करने जा रही हैं.

बता दें कि, संसद सत्र में पेश किए जाने वाला बिल Press & Registration of Periodicals Bill 2022 एक बेहद जरूरी बिल माना जा रहा है, क्योंकि पहली बार इस बिल के द्वारा सरकार डिजिटल मीडिया को भी मीडिया के एक अंग के रूप में शामिल करने का प्रावधान करने जा रही है. नया बिल में 1867 के पुराने क़ानून की जगह नया कानून बनाने के लिए लाया गया है. इस बिल में डिजिटल मीडिया के रजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया गया है.

कामकाज में पारदर्शिता में लाएगा ये बिल

वहीं, संसद सत्र के दौरान सरकार द्वारा लाए जाने वाले 24 नए बिलों से कुछ ऐसे भी बिल हो सकते है जिनपर संसद सत्र में हंगामा हो सकता है. उनमें The Multi State Cooperative Societies(Amendment ) Bill 2022 एक बेहद अहम बिल हो सकता है. सहकारिता मंत्रालय की अतिरिक्त कमान संभालने के बाद से ही गृह मंत्री शाह ने इस पर काम करना शुरू कर दिया था. बिल का मुख्य उद्देश्य एक से अधिक राज्यों में काम कर रहे क़रीब 1500 कोऑपरेटिव संस्थाओं के कामकाज में पारदर्शिता लाना और उन्हें सशक्त बनाने के लिए साधन जुटाने की शक्ति देना है.

इस बिल के ज़रिए सरकार की नज़र कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों के बड़े कोऑपरेटिव संस्थाओं को ज़्यादा पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाने पर है. वैसे इस बिल के स्वरूप और संघीए ढांचा का हवाला देकर विपक्षी दल इसपर हंगामा भी कर सकते हैं.

इस बिल पर हो सकता है हंगामा

गौरतलब है कि संसद सत्र के दौरान सरकार द्वारा लाए जाने वाले 24 नए बिलों से कुछ ऐसे भी बिल हो सकते है जिनपर संसद सत्र में हंगामा हो सकता है. उनमें शामिल The Ancient Monuments & Archaeological Sites & Remains (Amendment) Bill. इस बिल में देश के संरक्षित प्राचीन स्मारकों के आसपास प्रतिबंधित क्षेत्र की परिभाषा को तर्कसंगत बनाए जाने का प्रावधान किया गया है ताकि उसे और अच्छे तरीके से विकसित किया जा सके. वर्तमान क़ानून के मुताबिक़ संरक्षित स्मारकों के 100 मीटर के दायरे को प्रतिबंधित क्षेत्र के तहत रखा जाता है जिसमें कोई भी निर्माण कार्य की इजाज़त नहीं होती है.

इसके अलावा तेलंगाना में एक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय बनाए जाने के लिए भी एक बिल पेश किए जाने के आसार है. Forest Conservation (Amendment) Bill और 1948 के डेंटिस्ट क़ानून को ख़त्म
कर एक राष्ट्रीय डेंटिस्ट आयोग बनाने के लिए The National Dental Commission Bill भी बेहद अहम बिल साबित हो सकता हैं.

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mohmmed suhail mewati

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