मंकीपॉक्स पर केंद्र सरकार का एक्शन, वैक्सीन बनाने के लिए निकाला टेंडर

नई दिल्ली, मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है. और केंद्र सरकार ने इसके वैक्सीन की तैयारी भी शुरू कर दी है. सरकार इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरस्ट या यूँ कहें एक टेंडर लेकर आई है. ये EoI मंकीपॉक्स की वैक्सीन बनाने, उसका पता लगाने (जांच करने) वाली […]

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मंकीपॉक्स पर केंद्र सरकार का एक्शन, वैक्सीन बनाने के लिए निकाला टेंडर

Aanchal Pandey

  • July 27, 2022 8:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है. और केंद्र सरकार ने इसके वैक्सीन की तैयारी भी शुरू कर दी है. सरकार इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरस्ट या यूँ कहें एक टेंडर लेकर आई है. ये EoI मंकीपॉक्स की वैक्सीन बनाने, उसका पता लगाने (जांच करने) वाली किट के लिए निकाला गया है.

केंद्र सरकार यह EoI यानी टेंडर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में लाई है. इसमें मंकीपॉक्स वैक्सीन और इसकी जांच किट तैयार की जानी है. अब इच्छुक दवा कंपनी 10 अगस्त तक EoI जमा कर सकती हैं, वैसे बता दें कि मंकीपॉक्स की वैक्सीन पहले से भी मौजूद है.

मंकीपॉक्स के लिए RT-PCR जैसा टेस्ट

देश में अब तक मंकीपॉक्स वायरस के चार मामले सामने आ चुके हैं. अभी तक 77 देशों तक ये वायरस फैल चुका है, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. अब इस बीच सभी के मन में सिर्फ एक सवाल है कि आखिर इस बात का पता कैसे चलेगा कि किसी को मंकीपॉक्स है. अब भारत की ही कंपनी Genes2Me ने एक ऐसा RT-PCR टेस्ट तैयार किया है जिससे 50 मिनट के भीतर इसके सटीक परिणाम आ जाएंगे.

50 मिनट में मिलेंगे नतीजे

कंपनी ने दावा किया है ये टेस्ट सिर्फ और सिर्फ मंकीपॉक्स के लिए डेवलप किया गया है. इस टेस्ट के जरिए 50 मिनट से कम समय में बताया जा सकेगा कि कोई शख्स इस वायरस से संक्रमित है या नहीं. कंपनी ने जोर देकर कहा है कि इस किट का इस्तेमाल एयरपोर्ट, अस्पताल, स्वास्थ्य शिवरों में स्क्रीनिंग के दौरान किया जा सकता है, जिससे मंकीपॉक्स का पता लगाया जा सके. टेस्टिंग के लिए सूखे स्वैब और स्वैब दोनों का इस्तेमाल किया जाएगा. Genes2Me के सीईओ नीरज गुप्ता के मुताबिक वे वर्तमान संसाधनों के साथ एक हफ्ते के अंदर 50 हज़ार परीक्षण किट बना सकते हैं, लेकिन अगर उन्हें पर्याप्त संसाधन दिए जाएं और समय मिले तो उनकी कंपनी एक दिन में 20 लाख किट्स भी बना सकती है.

ICMR की हरी झंडी का इंतज़ार

यहां ये जानना भी जरूरी है कि फिलहाल ये टेस्ट किट मार्केट में नहीं आया है. सिर्फ रिसर्च के लिए ही इसका इस्तेमाल किया जा रहा है, जब तक ICMR इस टेस्ट किट को हरी झंडी नहीं दिखा देता, तब तक मंकीपॉक्स को लेकर Genes2Me का आरटी-पीसीआर टेस्ट मार्केट में नहीं उतारा जा सकता.

 

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