नई दिल्ली, कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स की दहशत लोगों को डराने लगी है, मंकीपॉक्स वायरस अब तक दुनिया के 92 देशों में फ़ैल चुका है, भारत में भी मंकीपॉक्स के केस मिले हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को बताया कि मंकीपॉक्स तेजी से फ़ैल रहा है. WHO के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस […]
नई दिल्ली, कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स की दहशत लोगों को डराने लगी है, मंकीपॉक्स वायरस अब तक दुनिया के 92 देशों में फ़ैल चुका है, भारत में भी मंकीपॉक्स के केस मिले हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को बताया कि मंकीपॉक्स तेजी से फ़ैल रहा है. WHO के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने कहा कि मंकीपॉक्स अब तक 92 देशों और क्षेत्रों तक फैल चुका है, वहीं WHO को प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 35,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, यह वायरस अब तक 12 लोगों की जान ले चुका है.
WHO के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने कहा कि पिछले सप्ताह मंकीपॉक्स के लगभग 7,500 मामले सामने आए थे. ये पिछले सप्ताह की तुलना में 20% की बढ़ोतरी है. यानी एक सप्ताह पहले आए मामलों से ये मामले 20% ज्यादा थे, वहीं साल 2022 में दुनिया के 92 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स के 35,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिसमें से अधिकांश मामले ऐसे देशों में हैं, जहां इससे पहले कभी मंकीपॉक्स हुआ ही नहीं है.
WHO के महानिदेशक ने कहा कि मंकीपॉक्स को रोकने में वैक्सीन बहुत कारगर होगी. उन्होंने कहा, “वैक्सीन मंकीपॉक्स के प्रकोप को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं और इस समय कई देश वैक्सीन की मांग कर रहे हैं, इस समय वैक्सीन की सबसे ज्यादा ज़रूरत है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मंकीपॉक्स एक वायरल पशुजन्य बीमारी है जो जानवरों से मनुष्यों में फैलती है, इसके लक्षण चेचक की तरह ही होते हैं. मंकीपॉक्स भले ही कई श्वसन संक्रमणों (जैसे कि कोविड-19) के रूप में संक्रामक नहीं है, फिर भी इसके प्रसार को रोकना जरूरी है क्योंकि विश्व में अब तक इससे 12 लोगों की जान जा चुकी है.
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