MonkeyPox: मंकीपॉक्स वायरस को अभी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने की जरूरत नहीं- WHO

नई दिल्ली। दुनिया में कोरोना महामारी के बाद तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स वायरस को लेकर विश्व स्वाथ्य संगठन (WHO) ने एक आपातकाल बैठक बुलाई थी. इस बैठक में मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर चर्चा हुई. जिसमें डब्ल्यूएचओ ने फैसला लिया कि ये वायरस अभी अतंर्राष्ट्रीय चिंता नहीं है. इसलिए इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने […]

Advertisement
MonkeyPox: मंकीपॉक्स वायरस को अभी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने की जरूरत नहीं- WHO

Mohmmed Suhail Mewati

  • June 26, 2022 2:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। दुनिया में कोरोना महामारी के बाद तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स वायरस को लेकर विश्व स्वाथ्य संगठन (WHO) ने एक आपातकाल बैठक बुलाई थी. इस बैठक में मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर चर्चा हुई. जिसमें डब्ल्यूएचओ ने फैसला लिया कि ये वायरस अभी अतंर्राष्ट्रीय चिंता नहीं है. इसलिए इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने की जरूरत नहीं है। विश्व स्वाथ्य संगठन ने शनिवार यानी कल बयान में कहा कि ये संक्रमण अब तक 42 देशों में फैल चुका है जिसपर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई थी.

बता दें कि डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने मंकीपॉक्स वायरस को लेकर अपनी चिंता जरूर जताई. लेकिन उन्होंने कहा है कि इसके आगे प्रसार रोकने के लिए तुरंत हरकत में आने की जरूरत है. फिलहाल कोरोना वायरस और पोलियो की तरह इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित नहीं किया जा सकता है।

48 देशों में 3 हजार से ज्यादा मामले

दरअसल, पिछले 6 हफ्तों में 48 से अधिक देशों से डब्ल्यूएचओ को अब तक मंकीपॉक्स के 3,200 से ज्यादा केस और एक मौत की जानकारी मिली है. अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स की बीमारी आम है लेकिन वहां भी इस साल 1500 मामले सामने आए हैं और 70 लोगों की मौत हुई. बता दें कि मंकीपॉक्स के इलाज के लिए टीकाकरण बना हुआ है.

समिति में 16 वैज्ञानिक और हेल्थ एक्सपर्ट शामिल

गौरतलब है कि इस समिति ने सर्वसम्मति से घटना की आपातकालीन प्रकृति को स्वीकार किया और प्रकोप के आगे बढ़ने से रोकने के लिए गहन प्रतिक्रिया प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया है. इस मामले पर विचार करने वाली समिति में 16 वैज्ञानिकों और सार्वजनिक स्वास्थ्य एक्सपर्ट शामिल हैं। इस समिति की अध्यक्षता डब्ल्यूएचओ के वैक्सीनेशनल विभाग के पूर्व निदेशक जीन-मैरी ओको-बेले कर रहे हैं.

क्यों बुलाई गई बैठक

डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को मंकीपॉक्स के बढ़ते प्रकोप को वैश्विक आपातकाल घोषित किया जाना चाहिए या नहीं. इस को लेकर आपात बैठक बुलाई गई थी. कुछ विशेषज्ञों का कहना था कि पश्चिम में बीमारी फैलने के बाद ही डब्ल्यूएचओ ने कार्रवाई करने का मन बनाया है. मंकीपॉक्स को वैश्विक आपातकाल घोषित करने का मतलब होगा कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी इस प्रकोप को एक “असाधारण घटना” मानती है और इस बीमारी के और भी अधिक सीमाओं में फैलने का खतरा है. यह कोविड-19 महामारी और पोलियो उन्मूलन के लिए जारी प्रयासों की तरह ही मंकीपॉक्स को लेकर भी कार्रवाई करेगी.

India Presidential Election: जानिए राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी ये 5 जरुरी बातें

 

Advertisement