Monkeypox: देश में मंकीपॉक्स ने दी दस्तक, केजरीवाल सरकार हुई सतर्क, एलएनजेपी अस्पताल को बनाया नोडल केंद्र

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को राज्यों से मंकीपॉक्स पर निगरानी बढ़ाने को कहा था, जो दुनिया भर के कई देशों में रिपोर्ट भी किया गया। देश में मंकीपॉक्स का मामला सामने आते ही दिल्ली सरकार सतर्क हो गई है। दुर्लभ किस्म के संक्रमण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से […]

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Monkeypox: देश में मंकीपॉक्स ने दी दस्तक, केजरीवाल सरकार हुई सतर्क, एलएनजेपी अस्पताल को बनाया नोडल केंद्र

Ayushi Dhyani

  • July 16, 2022 5:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को राज्यों से मंकीपॉक्स पर निगरानी बढ़ाने को कहा था, जो दुनिया भर के कई देशों में रिपोर्ट भी किया गया। देश में मंकीपॉक्स का मामला सामने आते ही दिल्ली सरकार सतर्क हो गई है। दुर्लभ किस्म के संक्रमण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से एलएनजेपी अस्पताल को नोडल केंद्र बनाया गया है। यहां पर मंकीपॉक्स के मरीजों का इलाज किया जाएगा।

केरल में आया था पहला मामला

देश में मंकीपॉक्स का मामला सामने आते ही दिल्ली सरकार सतर्क हो गई है। दुर्लभ किस्म के संक्रमण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से एलएनजेपी अस्पताल को नोडल केंद्र बनाया गया है। इस संक्रमण के इलाज के लिए दिल्ली में डॉक्टरों को प्रशिक्षण देने का काम शुरू हो गया है। दरअसल, केरल में मंकीपॉक्स का पहला केस सामने आया था।

सरकार ने जनता को दिया आश्वासन

दिल्ली सरकार ने लोगों को तसल्ली देते हुए कहा है कि मंकी पाक्स से घबराने की आवश्यकता नहीं है। जैसे हम सब ने मिलकर कोरोना महामारी को हराया है उसी तरह से इस बीमारी से भी लोगों को बचाएंगे। बस इसके लिए लोगों के साथ की जरूरत है।

कोविड के लिए भी रहा है मुख्य केंद्र

एलएनजेपी अस्पताल को भी कोविड महामारी की रोकथाम के लिए मुख्य केंद्र बनाया गया था। यहां पर दिल्ली सरकार की ओर से कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। इसी का परिणाम है कि दिल्ली सरकार ने कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए समय रहते ही विशेष प्लानिंग की थी।

मंकी पॉक्स का पहला मामला

14 जुलाई को केरल के एक मरीज में मंकीपॉक्स संक्रमण पाया गया था। हाल ही में मरीज UAE से केरल लौटा था। दुनिया में अब तक मंकीपॉक्स के 11 हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं। भारत में इस वायरस के मिलने से तनाव बढ़ गया है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के अनुसार, चेचक, खसरा, बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शन, खुजली, और दवाओं से होने वाली एलर्जी मंकीपॉक्स से अलग होता है। साथ ही मंकीपॉक्स संक्रमित लोगों में लिंफ नोड्स में सूजन होती है, जबकि चेचक में ऐसा नहीं होता है। इसका इनक्यूबेशन पीरियड (इंफेक्शन से सिम्प्टम्स तक का समय) आमतौर पर 7-14 दिनों का होता है, लेकिन इसकी 5-21 दिनों तक होने की संभावना भी होती है।

 

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