भोपाल: भाजपा ने मध्य प्रदेश के सीएम की घोषणा कर दी है। आज यानी 11 दिसंबर को हुए विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया है। डॉ. मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री नियुक्त किए गए हैं। डॉ. मोहन उज्जैन जिले के उज्जैन दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य […]
भोपाल: भाजपा ने मध्य प्रदेश के सीएम की घोषणा कर दी है। आज यानी 11 दिसंबर को हुए विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया है। डॉ. मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री नियुक्त किए गए हैं। डॉ. मोहन उज्जैन जिले के उज्जैन दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य हैं। मोहन यादव हिंदूवादी नेता कहे जाते हैं। आरएसएस से इनका पुराना नाता है। इसके अलावा विवादित बयान (Mohan Yadav Controversial Remarks) देने में भी इनका नाम अकसर सुर्खियों में रहता है। आइए जानते हैं कितनी बार विवादित बयान देकर फंस चुके हैं एमपी के नए मुख्यमंत्री।
अक्टूबर 2020 में मोहन यादव (Mohan Yadav Controversial Remarks) का नाम तब चर्चा में आया था जब चुनाव आयोग ने इन्हें एक दिन के लिए चुनाव प्रचार से प्रतिबंधित कर दिया। डॉ.यादव के कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए दिए अमर्यादित भाषण की वजह से चुनाव आयोग ने यह कदम उठाया था। दरअसल, इन्होनें बैठक में कार्यकर्ताओं के बीच कहा था कि हम अच्छों के साथ अच्छा करना जानते हैं, लेकिन अगर कोई बुरा करने जाएगा तो घर से निकालकर लाएंगे और हम जमीन में गाड़ने वाले लोग हैं। इनके इसी बयान के वजह से आयोग ने यह प्रतिबंध लगाया था।
मोहन यादव का दूसरा विवाद (Mohan Yadav Controversial Remarks) दिसंबर 2022 में सामने आया। दरअसल, उज्जैन के नागदा में कारसेवक सम्मान समारोह में मोहन यादव ने माता सीता को लेकर विवादित बयान दिया था। इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसको लेकर इतना बवाल मचा था कि बाद में डॉ. यादव को माफी मांगनी पड़ी थी।
दिसंबर में एक कार्यक्रम में कारसेवकों को संबोधित करते हुए इन्होंने कहा था कि जिस सीता माता को राम इतना बड़ा युद्ध करके लाए, उन्हें गर्भवती होने पर भी राज्य की मर्यादा के कारण छोड़ना पड़ा। आगे इन्होंने कहा कि सीता माता के बच्चों को जंगल में जन्म लेना पड़ा। वह सीता माता इतने कष्ट के बाद भी अपने पति के प्रति श्रद्धा रखती हैं और अपने कष्टों को भूल कर भगवान राम के जीवन की मंगल कामना करती है। मोहन यादव ने यह भी कह दिया था कि आज की भाषा में इसे आत्महत्या कहा जाता है।
एमपी के होने वाले मुख्यमंत्री का तीसरा विवादित बयान आया जनवरी 2022 में। इस बार इन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर महात्मा गांधी को देश का फर्जी पिता कह दिया था। मोहन यादव ने लिखा था कि गणतंत्र दिवस की परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे, सरदार वल्लभभाई पटेल थे। डॉ. यादव ने आगे लिखा था कि परेड में ना तो देश के फर्जी पिताजी थे, ना ही देश के फर्जी चाचा थे। इनके इस पोस्ट पर भी बहुत सियासत हुई थी। हालांकि, कुछ देर बाद मोहन यादव ने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया था।
नवंबर 2023 में डॉ. मोहन यादव फिर अपने बयान की वजह से चर्चा में आए। इस बार एक रैली को संबोधित करते हुए मोहन यादव ने अपना आपा खो दिया और स्व. राम यादव और कांग्रेस प्रत्याशी चेतन यादव के पिता के लिए अपशब्द कह डाला। इन्होंने कहा था कि सुन लो रे कांग्रेसियों तुम्हारी औकात ही क्या है? डॉ. मोहन यहीं नहीं रुके, आगे उन्होंने कहा कि अभी भी तुम्हारी औकात ठिकाने नही आई है। कांग्रेस नेताओं के पिता के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए मोहन यादव ने कहा कि तुम्हारे बाप ने दूध पिलाया है। तुम्हारी औकात क्या है?
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