‘बहुत बढ़ी महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार…’ ‘हम मोदीजी को लाने वाले हैं, अच्छे दिन आने वाले हैं…’ नई दिल्ली: साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जब इस तरह के नारे उठे तो कांग्रेस सरकार से नाखुश लोगों को एक उम्मीद नजर आई। उम्मीद की जा रही थी कि मोदी सरकार बनने के […]
‘बहुत बढ़ी महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार…’
‘हम मोदीजी को लाने वाले हैं, अच्छे दिन आने वाले हैं…’
नई दिल्ली: साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जब इस तरह के नारे उठे तो कांग्रेस सरकार से नाखुश लोगों को एक उम्मीद नजर आई। उम्मीद की जा रही थी कि मोदी सरकार बनने के बाद उनके ‘अच्छे दिन’ जरूर आएंगे। इसी उम्मीद के साथ 17 करोड़ से ज्यादा लोगों ने बीजेपी को वोट दिया। आज देश में मोदी सरकार के 9 साल पूरे हो गए है। ऐसे में जनता को जानना जरूरी है कि इन 9 सालों में समाज के मुद्दों का क्या हुआ?
चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जनता से खूब वादे किए थे। इसमें कोई दोराय नहीं है कि मोदी सरकार ने जनता के लिए कई तरह की योजनाएं लेकर आए। मोदी ने महिलाओं व ग्रामीणों के हक़ के लिए काफी काम किया। छोटे किसानों को भी आर्थिक सहायता मुहैया करवाई। लेकिन इन्हीं सब के बीच कुछ ऐसे भी वादे है जो अभी तक पूरे नहीं हो पाए है।
केंद्र सरकार की ऐसी योजनाओं में एक अहम योजना प्रधानमंत्री आवास योजना है। इसके तहत सरकार गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों के लिए पक्का घर मुहैया करना चाहती है। साल 2015 में प्रधान मंत्री मोदी द्वारा “प्रधान मंत्री आवास योजना” शुरू की गई थी, कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 2022 तक ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भारत में हर घर को एक पक्का घर उपलब्ध कराना था।
हालांकि निर्धारित समय में लक्ष्य पूरा नहीं होने पर योजना की अवधि वर्ष 2024 तक बढ़ा दी गई है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने साल 2021 में पीएम की अगुवाई में कैबिनेट की बैठक में कहा था कि इस योजना की शुरुआत कर उन्होंने भारत में 2.95 करोड़ रुपये के पक्के मकान बनाने का लक्ष्य रखा है। 1.65 करोड़ का घर ही बन चुका है।
सितंबर 2015 में सभी के लिए पक्का घर देने की घोषणा की तरह ही प्रधानमंत्री ने कहा था कि 2022 तक भारत के सभी घरों में 24 घंटे बिजली होगी। सरकार की इस घोषणा की समय सीमा भी पूरी हो गई थी, लेकिन अभी तक भारत के हर घर में 24 घंटे बिजली नहीं पहुंच पाई है। कई गांव ऐसे हैं जो 24 घंटे बिजली से कोसों दूर हैं, जहां आज तक बिजली नहीं आई है।
सितंबर 2018 में भारत के प्रधानमंत्री ने कहा था कि अगले चार सालों में यानी 2022 तक भारत 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला देश बन जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी की इस घोषणा का सार्वजनिक मंचों और चुनावी रैलियों में भाजपा के कई नेताओं ने भी समर्थन किया। अब, वर्ष 2022 समाप्त हो गया है और इस वर्ष पाँच ट्रिलियन डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है। देश की अर्थव्यवस्था फिलहाल तीन ट्रिलियन डॉलर के आसपास स्थिर है।
साल 2017 में देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि 2022 तक देश के सभी किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी। केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 तक केंद्र सरकार के प्रत्येक वार्षिक बजट में इसे दोहराया था। अब केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित समय बीत चुका है लेकिन किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई है। वर्ष 2023-24 के वार्षिक बजट में किसानों के बजट का अनुमान पिछले वर्ष की तुलना में घटा दिया गया है।
यानी साल 2023-24 में कृषि बजट 1.24 लाख करोड़ था जिसे घटाकर करीब 1.15 करोड़ कर दिया गया है। फसल बीमा योजना भत्ता भी पिछले वर्ष की तुलना में 15,500 करोड़ रुपये से घटाकर 13,625 करोड़ रुपये कर दिया गया। साथ ही फर्टिलाइजर सब्सिडी में भी बड़ी कटौती की गई है।