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मोदी-शाह ने फडणवीस को CM तो बनाया लेकिन अब देंगे ये बड़ा झटका, महाराष्ट्र में हड़कंप!

सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं की मानें तो नया बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीएम देवेंद्र फडणवीस के खेमे का नहीं होगा। सरकार और संगठन में संतुलन बनाने के लिए बीजेपी फडणवीस के विरोधी खेमे के किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।

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Devendra Fadnavis-Modi and Shah
  • December 29, 2024 11:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 days ago

मुंबई/नई दिल्ली। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की सरकार बनने के बाद अब बीजेपी नेतृत्व प्रदेश संगठन में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि बीजेपी जल्द ही महाराष्ट्र में नया प्रदेश बना सकती है। मालूम हो कि महाराष्ट्र के मौजूदा भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले राज्य सरकार में मंत्री बन चुके हैं।

फडणवीस को लगेगा झटका

सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं की मानें तो नया बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीएम देवेंद्र फडणवीस के खेमे का नहीं होगा। सरकार और संगठन में संतुलन बनाने के लिए बीजेपी फडणवीस के विरोधी खेमे के किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। फिलहाल कई नाम बड़े नामों की चर्चा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर हो रही है।

फडणवीस इस नेता के पक्ष में..

वहीं, बताया जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस अपने एक खास नेता को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। इस नेता का नाम रविंद्र चव्हाण है। डोंबिवली विधानसभा सीट से विधायक रविंद्र को फडणवीस को बेहद करीबी माना जाता है। वह पिछली सरकार यानी एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री रह चुके हैं। हालांकि इस बार मंत्रिमंडल में उन्हें जगह नहीं मिली।

बावनकुले को मिल गया इनाम

गौरतलब है कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत का इनाम मिल चुका है। चंद्रशेखर राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री बन चुके हैं। उनके मंत्री बनने के बाद ही स्पष्ट हो गया कि अब महाराष्ट्र में जल्द ही बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा।

विधानसभा चुनाव में बंपर जीत

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को बड़ी जीत मिली है। महायुति गठबंधन को राज्य की 288 में से 230 से ज्यादा सीटों पर जीत मिली। इनमें बीजेपी को 132, एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना को 57 और अजित पवार वाली एनसीपी को 41 सीटों पर विजय मिली।

वहीं विपक्ष की बात करें तो इस चुनाव में विपक्षी नेताओं का सूपड़ा साफ हो गया। विपक्ष के तीन बड़े दल- कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद गुट) कुल मिलाकर भी 50 सीटें नहीं जीत पाया। कांग्रेस को जहां चुनाव में 16 सीट, शिवसेना (यूबीटी) 20 सीट और एनसीपी (शरद गुट) को 10 सीट मिली।

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