नई दिल्ली। केंद्र सरकार वक्फ विधेयक को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर हैं। साथ ही भारत के बड़े मुसलमान नेता भी वक्फ विधेयक के खिलाफ है। इसी बीच कट्टरपंथी इस्लामी प्रचारक और भारत से भागा हुआ जाकिर नाइक भी आग उगलने का काम कर रहा है। जाकिर नाइक ने भारतीय मुसलमानों को भड़काने की […]
नई दिल्ली। केंद्र सरकार वक्फ विधेयक को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर हैं। साथ ही भारत के बड़े मुसलमान नेता भी वक्फ विधेयक के खिलाफ है। इसी बीच कट्टरपंथी इस्लामी प्रचारक और भारत से भागा हुआ जाकिर नाइक भी आग उगलने का काम कर रहा है। जाकिर नाइक ने भारतीय मुसलमानों को भड़काने की कोशिश की है। उसने एक संदेश जारी करते हुए कहा है कि सभी मुसलमान एकजुट होकर इस बिल का विरोध करें।
जाकिर नाइक ने कहा कि भारत की मौजूदा मोदी सरकार अब कमजोर हो गई है। विपक्ष मजबूत है। ऐसे में अगर मुसलमान मजबूती से बिल का विरोध करेंगे तो सरकार पीछे हटने पर मजबूर हो जायेगी। जाने ये भी कहा कि भारत में 21 करोड़ मुस्लिम है। यदि सिर्फ 50 लाख मुसलमानों ने भी इसका विरोध कर दिया तो काम हो जायेगा। उसने बिल को मुसलमानों का मुद्दा बताया। उसने कहा कि अगर बिल पास हो जाता है तो मस्जिदों, मदरसों और कब्रिस्तानों पर खतरा मंडराने लगेगा। ऐसे में मुसलमानों की अगली पीढ़ी उन्हें माफ कैसे करेगी।
वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिमों रहेंगे।
महिला और अन्य मुस्लिम समुदाय का पार्टिसिपेशन बढ़ाया जायेगा।
बोर्ड पर सरकार अपना नियंत्रण बढ़ाना चाहता है। इससे वक्फ के पैसे और संपत्ति का हिसाब-किताब पारदर्शी रहेगा।
जिला मजिस्ट्रेट के ऑफिस में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रहेगा ताकि संपत्ति के मालिकाना हक का पता रहे।
CAG वक्फ के खातों का किसी भी वक़्त ऑडिट करवा सकती है।
वक्फ परिषद में पहले सिर्फ सिर्फ शिया और सुन्नी होते थे लेकिन अब आगा खानी और बोहरा भी होंगे।
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