नई दिल्ली: केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है। मोदी सरकार आज संसद में वक्फ बोर्ड के अधिकारों को कम करने के लिए बिल पेश करने वाली है। आपको बता दें कि वक्फ बोर्ड के अधिकारों में संशोधन करने की तैयारी 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले से ही चल रही है। यह तय है कि सरकार को संसद के अंदर और बाहर इस बिल के भारी विरोध का सामना करना होगा।
इस बिल के तहत वक्फ को मिले उस अधिकार को खत्म कर दिया जाएगा जिससे वह किसी की भी संपत्ति पर अपना अधिकार जमा कर उसे हड़प लेता था, फिर व्यक्ति के पास संपत्ति को वापस पाने के लिए कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते थे।
वक्फ बोर्ड की देशभर में 8.7 लाख से ज्यादा की संपत्तियां हैं, जो 9.4 लाख एकड़ में फैली हुई हैं। शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में वक्फ एक्ट में 40 संशोधनों पर चर्चा हुई। विधेयक में प्रस्तावित संशोधन के मुताबिक, वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की गई संपत्तियों का औपचारिक प्रमाण देना होगा। इसके साथ ही विधेयक में वक्फ बोर्ड को विवादित संपत्तियों का भी प्रमाण देना होगा।
वक्फ अधिनियम वर्ष 1954 में पारित किया गया था। 1995 में वक्फ अधिनियम में संशोधन कर वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार दे दिये गये। इसके मुताबिक, अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर दावा करता है तो वक्फ की संपत्ति मानी जाएगी। अगर दावा झूठा है तो संपत्ति मालिक को इसे साबित करना होगा। 2013 में फिर से अधिनियम में संशोधन किया गया।
यूपीए सरकार के दौरान वक्फ बोर्डों को अधिक व्यापक अधिकार प्रदान करने के लिए 2013 में मूल अधिनियम में संशोधन लाए गए थे। इसके बाद वक्फ बोर्ड और संपत्तियों के मालिकों के बीच विवाद बढ़ गया।
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