नई दिल्ली. पिछले कई सालों में अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमलों से सबक लेते हुए इस साल केंद्र सरकार ने अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए पहले से बेहतर तकनीक और अधिक सैनिक तैनात करने का फैसला किया है. आगामी अमरनाथ यात्रा सुरक्षित और सुचारु तरीके से आयोजित हो सके इसके लिए जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सुरक्षा बलों की ट्रेनिंग चल रही है. बता दें कि पिछले साल 2017 में आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों को ले जाने वाली बस पर हमला कर दिया था. इस हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी और 19 घायल हो गए थे.
यात्रियों को किसी भी प्रकार के हमले से बचाने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) पहली बार रेडियो आवृत्ति पहचान (आरएफआईडी) टैग का उपयोग कर सभी वाहनों की निगरानी करेगा. इसके बारे में सीआरपीएफ के महानिदेशक आरआर भटनागर के बताया कि इस तकनीक के पायलट प्रोजक्ट पर काम चल रहा है. यह वाहन की गति को वाहन के विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र का उपयोग करके स्वचालित रूप से ट्रैक करता है.
उन्होंने आगे कहा कि पायलट परियोजना का उद्देश्य यात्रा मार्ग पर जितना संभव हो उतने वाहनों पर एक टैग लगाना है. ताकि सुरक्षा बलों को वाहनों के आवागमन की जानकारी मिल सके और वाहन अपने निश्चित मार्ग से नहीं भटकें. पिछले साल अमरनाथ यात्रियों की बस पर हमले की घटना की जांच के बाद पता चला था कि वो अपने मार्ग से भटक गई थी. इसके अलावा, सुरक्षा बल ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का उपयोग करके वाहनों की निगरानी करेंगे.
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