नई दिल्ली/ मोदी सरकार ने नए श्रम कानून के तहत देश की कंपनियों के कर्मचारियों के लिए कैंटीन जरूरी कर दी है. केंद्र सरकार सरकारी योजनाओं को मजबूती से लागू करने के लिए वेलफेयर ऑफिसर नियुक्त करने के नियम भी तय कर दिए है. इन सभी नियमों को सरकार एक अप्रैल से लागू कर सकती है.
केंद्र सरकार की तरफ से पिछले साल जारी व्यवसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य संहिता 2020 में इस बारे में खास प्रावधान किए गए है. जिन्हे सभी चर्चा के बाद लागू किया जा सकता है. बता दें कि ने श्रम कानूनों में होने वाले अहम बदलावों के तहत 100 कर्मचारियों से ज्यादा वाली कंपनी को अपनी कंपनी में कैंटीन रखना जरूरी होगा. कर्मचारियों की इस लिस्ट में कॉन्ट्रैक्ट पर रखे जाने वाले लोग भी शामिल होंगे ताकि कर्मचारियों को सरकारी योजना का पूरा फायदा मिल सके. इसके साथ साथ सरकार ने प्रवासी मजदूरों के हितों का भी ध्यान रखा है.इनके साथ ये नियम भी लागू होगा कि अगर कंपनी उन्हें साइट पर ले जा रही है और काम खत्म होने पर वो घर लौट रहे है तो उन्हें यात्री भत्ता देना अनिवार्य होगा.
सरकार ने ओवरटाइम के नियमों में भी बदलाव किया है. नए नियम के अनुसार कामकाजी घंटो के बाद अगर कामगार से 15 मिनट भी ज्यादा काम कराया जा रहा है तो उसे ओवरटाइम माना जाएगा. पहले ये दायरा आधा घंटा था. कर्मचारी कंटेंटमेंट पर हो या फिर स्थाई उस पर लगातार पांच घंटे ज्यादा काम का दबाव नहीं बनाए जाने के लिए नियम बनाया गया है. कंपनी के लिए उसे हर पांच घंटे में आधे घंटे का ब्रेक देना जरूरी किया जाएगा. साथ ही ब्रेक का यह समय भी कामकाजी घंटों में ही शामिल किया जाएगा.
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