नई दिल्ली: टीडीपी (चंद्रबाबू नायडू की पार्टी) ने मोदी सरकार में एक बार फिर से लोकसभा में स्पीकर का पद मांगा है. साथ ही पार्टी ने कहा है कि वो मोदी सरकार को बाहर से समर्थन देगी और उनके नेता को एनडीए का संयोजक पद भी चाहिए, आपको बता दें कि टीडीपी के लोकसभा में […]
नई दिल्ली: टीडीपी (चंद्रबाबू नायडू की पार्टी) ने मोदी सरकार में एक बार फिर से लोकसभा में स्पीकर का पद मांगा है. साथ ही पार्टी ने कहा है कि वो मोदी सरकार को बाहर से समर्थन देगी और उनके नेता को एनडीए का संयोजक पद भी चाहिए, आपको बता दें कि टीडीपी के लोकसभा में 16 सांसद हैं. इस लिहाज से पीएम मोदी को एनडीए की सरकार चलाने के लिए टीडीपी का समर्थन होना बहुच जरूरी है. इस बीच खबर यह भी हैं कि नायडू ने वाजपेयी सरकार की तर्ज पर स्पीकर और एनडीए का संयोजक पद की मांग की है. साथ ही चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने कहा है कि वो मोदी सरकार को बाहर से समर्थन देगी.
टीडीपी की तरफ से कहा गया है कि अगर उसे स्पीकर का पद नहीं मिलता है तो मोदी कैबिनेट में उसे कुछ महत्वपूर्ण मंत्रालय दिया जाए. हालांकि ये कौन से मंत्रालय होंगे इस बारे में टीडीपी की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है. आपको बता दें कि 9 जून को मोदी कैबिनेट की शपथ ग्रहण से पहले भी टीडीपी की तरफ से स्पीकर पद की मांग की गई थी. ये भी आपको बता दें कि स्पीकर का पद लोकसभा सर्वाधिक अहम पद माना जाता है. अविश्वास प्रस्ताव लाने की स्थिति में और समर्थन वापस लेने की स्थिति में स्पीकर का पद बेहद अहम हो जाता है. इसीलिए टीडीपी स्पीकर का पद चाहती है.
वहीं आप नेता सांसद संजय सिंह ने कहा है कि टीडीपी ने बहुत समझदारी का फ़ैसला किया है. अगर स्पीकर बीजेपी का होगा तो पार्टियां तोड़ी जाएंगी और सांसद सस्पेंड किए जाएंगे. इसके बाद संविधान की धज्जियां उड़ाई जाएंगी. आगे उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी समर्थन नहीं देती तो इंडिया गठबंधन को टीडीपी के स्पीकर का समर्थन करने पर विचार करना चाहिए.
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