नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने त्रिभुवन सहकारिता यूनिवर्सिटी की स्थापना से जुड़े विधेयक पर चर्चा के दौरान सहकारिता मंत्रालय के कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सहकार से समृद्धि’ के नारे को केवल शब्दों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे ज़मीन पर भी उतारा है। शाह ने घोषणा की कि जल्द ही ओला और उबर की तर्ज पर एक सहकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जाएगा, जिससे टैक्सी चालकों को सीधा लाभ मिलेगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्लेटफॉर्म से होने वाला मुनाफा किसी बड़े उद्योगपति के पास नहीं जाएगा, बल्कि यह टैक्सी ड्राइवरों के हित में कार्य करेगा। अमित शाह ने बताया कि जल्द ही एक सहकारी बीमा कंपनी शुरू की जाएगी, जो सहकारी क्षेत्र में नई संभावनाएं खोलेगी। इसके अलावा, गुजरात में एक सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है, जिसका कार्यक्षेत्र पूरे भारत में होगा।
शाह ने कहा कि देश में तेजी से विकसित हो रहे सहकारी क्षेत्र के लिए प्रशिक्षित मानव संसाधन की आवश्यकता होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। इस विश्वविद्यालय के केंद्र कश्मीर से कन्याकुमारी और असम तक खोले जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पहले वर्ष में ही हर जिले को इस विश्वविद्यालय से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत सहकारी समितियों में नौकरियों के लिए अब सिर्फ प्रशिक्षित और डिग्री-डिप्लोमा धारक उम्मीदवारों को ही प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे सहकारी आंदोलन को और अधिक मजबूत किया जा सके।