नई दिल्लीः देश में वक्फ संशोधन बिल को लेकर घमासान मचा हुआ है। AIMPLB ने 3.66 करोड़ ईमेल के जरिए सरकार से अपना विरोध जाहिर किया है और इस संशोधन को दरकिनार करने की मांग की है। इस बीच जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने रविवार (3 नवंबर 2024) को वक्फ बोर्ड संशोधन पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के संविधान संरक्षण सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा, “मुल्क में मौजूदा फिरकापरस्त जहनियत है। वक्फ बिल एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। मैं बिहार के सीएम नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को दावत देता हूं, जिनकी बैसाखियों पर सरकार चल रही है कि वे अपने बंगलों में बैठकर कभी नहीं समझ सकते कि मुसलमानों की भावनाएं इससे कितनी जुड़ी हुई हैं।”
केंद्र की सत्ता में भागीदार टीडीपी प्रमुख का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ”मैं नायडू का शुक्रिया अदा करता हूं। देश की जनता ने भाजपा सरकार को हराया, लेकिन भाजपा सरकार दो बैसाखियों पर बैठी है। नवाब जान, नायडू साहब ने टीडीपी के उपाध्यक्ष को यहां भेजा है, जो उन्हें यहां की बात बताएंगे। इस महीने के अंत में हम 15 दिसंबर को नायडू के निर्वाचन क्षेत्र में 5 लाख मुसलमानों को इकट्ठा करेंगे।”
अरशद मदनी ने टीडीपी और जेडीयू को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह कानून पास हुआ तो जिन बैसाखियों पर भाजपा देश पर राज कर रही है, वे भी इसके लिए जिम्मेदार होंगी। इस बिल के अंदर जहर है जो मुसलमानों को नुकसान पहुंचाएगा। जमीयत-उलेमा-ए-हिंद का दावा है कि 24 नवंबर को पटना में जमीयत की ओर से वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ बड़ी रैली की जाएगी। इसमें बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी शामिल होंगे।
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