BUDGET 2023-24 : मोदी सरकार ने खत्म की थी 92 साल पुरानी परंपरा

नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय 2023-24 के बजट की तैयारियां जोरो पर है. बजट को लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है. इसी के साथ वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों को एक हफ्ते के लिए लॉक इन में रखा गया है. 2023-24 का बजट इस सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है. अगले साल लोकसभा का चुनाव है इसलिए ये सरकार अगले साल अंतरिम बजट पेश करेगी. बजट को छापने के लिए नॉर्थ ब्लॉक के अंदर ही प्रेस है. ताकि बजट से जुड़ी कोई भी जानकारी लीक न हो पाए.

मोदी सरकार ने 92 साल की प्रथा की खत्म

आपको बात दे कि मोदी सरकार ने 92 साल पुरानी प्रथा खत्म कर दी. मोदी सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 2017 में रेल बजट को आम बजट के साथ पेश किया था. इसके पहले रेल मंत्री रेलवे का अलग से बजट पेश करता था और आम बजट से एक दिन पहले करता था. ब्रिटिश सरकार ने 1924 में पहली बार रेल मंत्रालय का बजट अलग से पेश किया था. इससे पहले रेल बजट को आम बजट के साथ ही पेश किया जाता था. भारत इतना बड़ा देश था इसलिए ब्रिटिश सरकार ने रेल बजट को अलग से पेश करने का निर्णय लिया था. ब्रिटिश सरकार को 1920-21 में एक्वर्थ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें कहा था कि रेल बजट को अलग से पेश किया जाए .

मोदी सरकार को नीति आयोग ने काफी विचार विमर्श के बाद सलाह दिया था कि आम बजट के साथ ही रेल बजट के भी पेश किया जाए. यह विचार काफी व्यवहारिक था क्योंकि यूनियन बजट की तुलना में अब रेलवे का बजट बहुत ही कम है.

लालू यादव थे खास

पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव जब रेल बजट पेश करते थे तो काफी दिलचस्प रहता था. शायद देश में पहली बार हुआ था कि जब लालू यादव रेल बजट पेश कर रहे थे तो रेडियों पर उनका बजट कूली भी सुनते थे. लालू यादव ने कूलियों के लिए नौकरी की बात की थी इसलिए लालू यादव का रेल बजट आज भी लोगों को याद आता है.

 

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